श्रीराम लला के अपने जन्म स्थान पर लंबे संघर्ष के बाद बने नव्य और भव्य मन्दिर में पहली दीपावली को अद्भुत और अविस्मरणीय बनाने की पूरी तैयारी कर ली गई
Oct 27, 2024 17:02
श्रीराम लला के अपने जन्म स्थान पर लंबे संघर्ष के बाद बने नव्य और भव्य मन्दिर में पहली दीपावली को अद्भुत और अविस्मरणीय बनाने की पूरी तैयारी कर ली गई
*रामलला के विराजमान होने के बाद प्रथम दीपोत्सव होगा अद्भुत और अविस्मरणीय*
*सेवानिवृत पुलिस महानिरीक्षक को मन्दिर, परिसर में दीपोत्सव की जिम्मेदारी*
Ayodhya News : त्रेतायुग की दीवाली को कथाओं में सुना गया है। लेकिन इस बार पूरा प्रयास है कि रामनगरी में वह झलक जनसामान्य प्राप्त कर सकें। ऐसा इस लिए अपने नव्य भव्य एवं दिव्य मन्दिर में विराजने के बाद बालस्वरूप रामलला के समक्ष यह प्रथम दीपोत्सव होगा। जिसकी पूरी तैयारी कर ली गई है।
दाग-धब्बे और कालिख से मन्दिर भवन को बचाने के लिए विशेष दीप
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र संवाद केन्द्र अयोध्या धाम से प्राप्त जानकारी के मुताबिक श्रीराम लला के अपने जन्म स्थान पर लंबे संघर्ष के बाद बने नव्य और भव्य मन्दिर में पहली दीपावली को अद्भुत और अविस्मरणीय बनाने की पूरी तैयारी कर ली गई है। दाग-धब्बे और कालिख से मन्दिर भवन को बचाने के लिए विशिष्ट दीपकों की व्यवस्था की गई है। यह भी ध्यान रखा गया है कि इनके प्रकाशमान रहने की अवधि अधिकतम हो। व्यवस्था चाक-चौबंद रहे इसके लिए एक सेवानिवृत पुलिस महानिरीक्षक को मन्दिर तथा मन्दिर परिसर में दीपकों की सजावट का दायित्व सौंपा गया है।
बिहार कैडर के रिटायर्ड आईजी को प्रवेश द्वारों को अलंकृत करने का जिम्मा
सम्पूर्ण राम मन्दिर परिसर को कई खंडों -उपखंडों में विभाजित कर अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी गई है। मन्दिर के हर कोने-खुदरे को व्यवस्थित ढंग से रोशन करने, साफ सफाई के साथ सजाने, सभी प्रवेश द्वारों को तोरण से अलंकृत करने का दायित्व बिहार कैडर से स्वैच्छिक सेवानिवृत्त आईजी आशु शुक्ला को दिया गया है। आकर्षक फूलों से भी मनोहारी सज्जा की योजना है ।महत्वपूर्ण यह है कि दीपकों के बारे में यह ध्यान रखा गया है कि न तो कहीं दाग धब्बा लगने पाए न भवन के ढांचे तक धुएं की कालिख पहुंचने पाए। गंदगी और प्रदूषण को न्यून से न्यूनतम रखने का प्रयास होगा। इसी कारण मन्दिर भवन से बाहर परिसर में मोम के दीपक प्रज्वलित किए जाएंगे। ये लंबे समय तक प्रकाशमान तो रहेंगे ही कार्बन उत्सर्जन भी न्यून होगा।
रात बारह बजे तक गेट संख्या चार से देख सकते हैं मन्दिर
दीपोत्सव पर भव्य और टिकाऊ सजावट के कारण ही श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने 29 अक्टूबर से पहली नवम्बर तक चार रोज आधी रात तक श्री राम जन्मभूमि मन्दिर को निहारने का अवसर श्रद्धालुओं को दिया है। लोग रात बारह बजे तक गेट संख्या चार बी(लगेज स्कैनर प्वाइंट) तक पहुंच कर मन्दिर की भव्य सजावट निरख सकते हैं। इसका उद्देश्य सभी श्रद्धालु को रामलला के मंदिर की शोभा निरखने का अवसर देना है।