मर्यादा पुरुषोत्तम राम के तौर पर जीवन मूल्यों की सीख देते रहे हैं। यही वजह थी कि हिंदुओं के अलावा अन्य मतावलंबियों की भी उनमें आस्था रही है। यही नहीं भारत विभाजन की मांग करने वाले मुख्य लोगों में से एक अल्लामा इक़बाल ने भी एक दौर में उनकी प्रशंसा में एक नज़्म लिखी थी। उन्होंने भगवान राम से ही दुनिया में हिंदुस्तान का नाम होने की बात भी इस नज़्म में लिखी थी।