अयोध्या में दीपोत्सव की तैयारी : दो किलोमीटर तक बिखरेगी रामायण युग की आभा, छह देशों की रामलीला होगी आकर्षण का केंद्र

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Oct 18, 2024 09:52

अयोध्या में इस वर्ष के दीपोत्सव के लिए तैयारियों तेज कर दी गई है। दीपोत्सव का यह पर्व अयोध्या के अद्वितीय धार्मिक और सांस्कृतिक महत्त्व को और भी भव्यता प्रदान करेगा। अयोध्याधाम की...

Ayodhya News : अयोध्या में इस वर्ष के दीपोत्सव के लिए तैयारियों तेज कर दी गई है। दीपोत्सव का यह पर्व अयोध्या के अद्वितीय धार्मिक और सांस्कृतिक महत्त्व को और भी भव्यता प्रदान करेगा। अयोध्याधाम की प्रमुख सड़कों और मंदिरों को सजाने का कार्य जोरों पर है। रामपथ से लेकर धर्मपथ तक दो किलोमीटर की दूरी तक दीपों की जगमगाहट बिखरती नजर आएगी। भव्य लाइटिंग, रामायण युग की झलक देने वाले गेट और राम की पैड़ी पर सीता-लक्ष्मण द्वार का निर्माण तेजी से पूरा किया जा रहा है। इस अद्वितीय सजावट को 25 अक्तूबर तक अंतिम रूप देने का लक्ष्य है।

लखनऊ की कंपनी संभालेगी जिम्मेदारी
दीपोत्सव के दौरान अयोध्या में 14 वर्षों के वनवास के बाद भगवान राम की अयोध्या वापसी का स्वागत किया जाएगा। उस ऐतिहासिक घटना की भव्यता को पुनर्जीवित करने के लिए शासन और प्रशासन समर्पण के साथ जुटा हुआ है। श्रद्धालुओं को हर कदम पर रामायण युग का अनुभव कराने के लिए शहर को विशेष रूप से सजाया जा रहा है। लखनऊ की ताज रेडियो एंड इलेक्ट्रिक कंपनी को इस आयोजन की प्रकाश व्यवस्था की जिम्मेदारी दी गई है और राम कथा पार्क के समीप लाइट्स तैयार करने के लिए एक विशेष कैंप भी स्थापित किया गया है।


धर्मपथ और रामपथ पर विशेष सजावट
रामपथ और धर्मपथ के साथ करीब दो किलोमीटर तक की दूरी में भव्य लाइटिंग और सजावट की तैयारी की जा रही है। पिलरों को सजाने के लिए डेकोरेटिव वॉल, इलेक्ट्रिक गेट और आर्टिफिशियल लाइट्स का उपयोग किया जा रहा है। इसके साथ ही रामकथा पर आधारित लगभग 30 तोरण द्वार तैयार किए जा रहे हैं। जो धर्मपथ से लेकर रामकथा पार्क तक फैले होंगे। इन द्वारों पर रामकथा के प्रमुख दृश्यों का चित्रण किया जाएगा। सरयू के घाटों पर भी भव्य तोरण द्वारों का निर्माण हो रहा है। जो घाटों की शोभा को और भी बढ़ा देंगे। दीपोत्सव के दिन सरयू के पुराने पुल पर आतिशबाजी का आयोजन होगा। जो इस उत्सव की शोभा को और भी उज्जवल बनाएगा।

18 भव्य झांकियों का आयोजन
पर्यटन अधिकारी राजेंद्र प्रसाद यादव के अनुसार दीपोत्सव में 18 भव्य झांकियों का आयोजन किया जाएगा। सूचना और पर्यटन विभाग द्वारा इन झांकियों को तैयार करने के लिए टेंडर की प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है। 30 अक्तूबर को साकेत महाविद्यालय में रामायण काल के प्रसंगों पर आधारित इन झांकियों का प्रदर्शन किया जाएगा। इनमें 11 झांकियां सूचना विभाग द्वारा और 7 झांकियां पर्यटन विभाग द्वारा बनाई जा रही हैं। ये झांकियां रामायण के प्रसंगों के साथ-साथ सामाजिक संदेश भी प्रस्तुत करेंगी।

विदेशी रामलीला और सांस्कृतिक कार्यक्रम
दीपोत्सव के दौरान छह विभिन्न देशों की रामलीलाओं का भी आयोजन किया जाएगा। हालांकि, इस आयोजन की पूरी रूपरेखा अभी तय नहीं की गई है, लेकिन इसे भव्य रूप देने की योजना बनाई जा रही है। साकेत महाविद्यालय में तैयार हो रही झांकियों पर कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देंगे। जिनमें लगभग 600 कलाकार विभिन्न राज्यों से आकर अपनी लोक संस्कृतियों का प्रदर्शन करेंगे। इसके अलावा अयोध्या के विभिन्न स्थलों पर सांस्कृतिक मंच भी सजेगे। जहां परंपरागत और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां होंगी, जो इस उत्सव की गरिमा को और बढ़ाएंगी।

राम की पैड़ी का भव्य रूपांतरण
दीपोत्सव के लिए राम की पैड़ी को भी आकर्षक रूप में सजाया जा रहा है। यहां 15,000 दर्शकों की क्षमता वाली एक भव्य दर्शक दीर्घा तैयार की जा रही है। पैड़ी के मुख्य द्वार, श्रीराम, सीता और लक्ष्मण के नाम से निर्मित प्रमुख आकर्षण होंगे। इन द्वारों की हर दीवार 250 वर्ग मीटर में फैली है। जिसमें रामकथा को उकेरा गया है। श्रद्धालुओं के लिए सीढ़ियों का निर्माण भी पूरा कर लिया गया है। जिससे इस बार की दीपोत्सव में राम की पैड़ी आकर्षण का प्रमुख केंद्र बनेगी। साथ ही सरयू के घाटों पर आरती के आयोजन के लिए भी तैयारियां शुरू हो चुकी हैं और एक भव्य मंच का निर्माण किया जा रहा है।

ऑनलाइन दीपदान और प्रसाद की व्यवस्था
अयोध्या विकास प्राधिकरण ने दीपोत्सव-2024 के लिए 'एक दीया प्रभु श्री राम के नाम' कार्यक्रम की शुरुआत की है। इस कार्यक्रम के तहत जो श्रद्धालु अयोध्या नहीं पहुंच सकते वे ऑनलाइन माध्यम से दीपदान कर सकते हैं। इस सेवा का लाभ उठाने के लिए श्रद्धालु दिव्य अयोध्या डॉट कॉम लिंक के माध्यम से अपनी स्वेच्छानुसार राशि दान कर सकते हैं। इस दीपदान के बदले में उन्हें उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा निर्मित प्रसाद भेजा जाएगा।

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