राम मंदिर : प्राण प्रतिष्ठा के लिए रामलला की मूर्ति पहुंची अयोध्या, राम भक्तों के मन में है प्रतिमा को लेकर सवाल

Uttar Pradesh Times | Ram Mandir

Jan 20, 2024 15:33

शालिग्राम काले रंग के चिकने, अंडाकार पत्थर होते हैं। धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक, शालिग्राम भगवान विष्णु के विग्रह स्वरूप हैं। ये एक प्रकार का जीवाश्म पत्थर है।

Ayodhya News : 22 जनवरी को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी जोरों शोरों से चल रही है। एक तरफ राम भक्त 500 साल बाद रामलला की घर वापसी पर खुश हैं। वहीं जब शुक्रवार को राम लला की मूर्ति अयोध्या पहुंची तो बहुत से लोगों के मन में राम लला की मूर्ति को लेकर कुछ प्रश्न है जिनके उत्तर हम इस लेख के जरिए आपको देंगे। 

5 साल के बाल स्वरूप में श्रीराम
अयोध्या के राम मंदिर में जब 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा होगी तो पांच साल के रामलला की 51 इंच की मूर्ति मंदिर के गर्भगृह में स्थापित की जाएगी। ये श्याम वर्ण वाली होगी। इसमें 5 साल के बाल स्वरूप में श्रीराम कमल पर विराजमान होंगे। कमल के फूल के साथ मूर्ति की लंबाई 8 फ़ीट होगी। आपको बता दें कि हिंदू धर्म में आमतौर पर बाल्यकाल को 05 साल की उम्र तक माना जाता है। इसके बाद बालक को बोधगम्य माना जाता है।

मूर्ति 51 इंच की ही क्यों
आपके दूसरे सवाल ये मूर्ति ठीक 51इंच की ही क्यों है। हालांकि भारत में मौजूदा दौर में पांच साल के बालक की ऊंचाई मोटे तौर पर 43 से 45 इंच के आसपास मानी जाती है, लेकिन राम जिस दौर में पैदा हुए, उसमें आम लोगों की औसत लंबाई कहीं ज्यादा होती थी। लिहाजा 51 के शुभ नंबर को देखते हुए उनकी ऊंचाई 51 इंच मानी गई।

ये काले पत्थर की क्यों
एक सवाल और हो सकता है कि ये मूर्ति काले पत्थर की क्यों। दरअसल रामलला की मूर्ति को शालिग्राम पत्थर से बनाया गया है, जिनसे हिंदू धर्म के देवी देवताओं की मूर्तियां बनाई जाती हैं। इसे पवित्र पत्थर मानते हैं। शालिग्राम काले रंग के चिकने, अंडाकार पत्थर होते हैं। धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक, शालिग्राम भगवान विष्णु के विग्रह स्वरूप हैं। ये एक प्रकार का जीवाश्म पत्थर है। शालिग्राम आमतौर पर पवित्र नदी की तली या किनारों से इकट्ठा किया जाता है।

74 साल पहले कितनी बड़ी मूर्ति रखी गई 
74 साल पहले जब बाबरी ढांचे में राम लला की मूर्ति को रखा गया था, तो ये 9 इंच की थी और अष्टधातु की बनी थी। ये 1949 का साल था जब पहली बार ध्वस्त हो चुकी बाबरी मस्जिद में राम लला की मूर्ति प्रकट हुई थी।

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