अयोध्या में रामायण विश्वविद्यालय की तैयारी : राम पर शोध कर सकेंगे छात्र, 80 फीसदी काम पूरा

UPT | रामायण विश्वविद्यालय

Oct 17, 2024 14:55

रामनगरी अयोध्या सनातन परंपरा की एक नई इबारत लिखने जा रही है, जहां नेशनल हाईवे 32 पर रामायण विश्वविद्यालय लगभग तैयार है। महर्षि महेश योगी रामायण विश्वविद्यालय की स्थापना जल्द ही पूरी होने वाली है, जहां राम पर विस्तृत शोध होगा।

Short Highlights
  • विश्वविद्यालय का लगभग 80% काम पूरा
  • 500 करोड़ की लागत से किया जा रहा निर्माण
  • छात्रों को रामायण की गहराइयों में उतरने का मिलेगा अवसर

 

Ayodhya News : अयोध्या में महर्षि महेश योगी रामायण विश्वविद्यालय की स्थापना जल्द ही पूरी होने वाली है, जहां राम पर विस्तृत शोध होगा। विश्वविद्यालय का लगभग 80% काम पूरा हो चुका है। यहां छात्र 12वीं कक्षा पूरी करने के बाद प्रवेश ले सकेंगे और स्नातकोत्तर (पीजी) की डिग्री प्राप्त करने के बाद रामायण पर शोध कर सकेंगे। यह विश्वविद्यालय रामायण और उसके पात्रों पर गहराई से शोध का एक महत्वपूर्ण केंद्र होगा।

सनातन परंपरा की नई शुरुआत
रामनगरी अयोध्या सनातन परंपरा की एक नई इबारत लिखने जा रही है, जहां नेशनल हाईवे 32 पर रामायण विश्वविद्यालय लगभग तैयार है। इस विश्वविद्यालय का निर्माण महर्षि रामायण विद्यापीठ ट्रस्ट द्वारा 500 करोड़ की लागत से किया जा रहा है। नवंबर 2023 तक महर्षि महेश योगी रामायण विश्वविद्यालय का 80% कार्य पूरा हो चुका है। 21 एकड़ में विकसित हो रहे इस विश्वविद्यालय में छात्रों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर की शैक्षणिक सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। यह विश्वविद्यालय अगले वर्ष अप्रैल तक पूरी तरह से तैयार हो जाएगा, और विशेष रूप से यहां छात्र रामायण पर शोध कर सकेंगे।


राम पर होगा गहरा शोध
अयोध्या में रामायण विश्वविद्यालय में कुल 12 चार मंजिला भवनों का निर्माण किया जा रहा है, जो अत्याधुनिक शैक्षणिक सुविधाओं से लैस होंगे। प्रोजेक्ट मैनेजर मुकेश सक्सेना के अनुसार, यह विश्वविद्यालय एक अद्वितीय शैक्षणिक संस्थान होगा, जो भारतीय धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने के साथ-साथ उसे आधुनिक संदर्भ में प्रस्तुत करने का कार्य करेगा। विश्वविद्यालय का मुख्य उद्देश्य छात्रों को भारतीय संस्कृति, विशेषकर रामायण की गहराइयों में उतरने का अवसर प्रदान करना है। यहां छात्र और शोधकर्ता रामायण के विभिन्न पहलुओं पर गहन अध्ययन कर सकेंगे। रामायण केवल एक धार्मिक ग्रंथ नहीं है, बल्कि यह जीवन जीने की एक प्रणाली है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए भी लाभदायक होगी।

ज्ञान और संस्कृति का एक नया केंद्र
अयोध्या में बनने वाले महर्षि महेश योगी रामायण विश्वविद्यालय में विभिन्न अंडर ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट और शोध पाठ्यक्रमों की पेशकश की जाएगी। ये पाठ्यक्रम छात्रों को बहुआयामी ज्ञान प्रदान करेंगे। वहीं छात्रों को रामायण की गहराइयों में उतरने का अवसर प्रदान किया जाएगा। 

विश्वविद्यालय में अनुभवी शिक्षकों की नियुक्ति
विश्वविद्यालय में उच्च गुणवत्ता की शिक्षा देने के लिए अनुभवी शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। यह विश्वविद्यालय स्थानीय और राष्ट्रीय दोनों स्तर पर शोधकर्ताओं और विद्वानों के लिए एक आकर्षण का केंद्र बनेगा। इसके साथ ही, यह विश्वविद्यालय रामायण जैसे प्राचीन ग्रंथों के अध्ययन के माध्यम से भारतीय संस्कृति को संरक्षित और प्रोत्साहित करेगा।

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