आईटीआई के कमरा नंबर 404 में स्क्रिप्ट तैयार : डकैती के बाद किया सोने-चांदी का बंटवारा, चार दिनों बाद मास्टरमाइंड ने कबूला जुर्म

UPT | आईटीआई के कमरा नंबर 404 में स्क्रिप्ट तैयार

Sep 11, 2024 19:26

अमेठी के मोहनगंज थाना क्षेत्र के भवानी नगर निवासी विपिन सिंह ने इस घटना की योजना बनाई और इसके लिए आईटीआई फैक्टरी के कमरे नंबर 404 का उपयोग किया। विपिन और उसके साथी एक महीने तक इस कमरे में रेकी करते रहे

Short Highlights
  • आईटीआई के कमरा नंबर 404 में स्क्रिप्ट तैयार
  • दूसरे की आईडी पर लिया था कमरा
  • डकैती के बाद किया सोने-चांदी का बंटवारा
Sultanpur News : सुल्तानपुर के ठठेरी बाजार में 28 अगस्त को हुई डकैती मामले में हर रोज नया अपडेट सामने आ रहा है। अमेठी के मोहनगंज थाना क्षेत्र के भवानी नगर निवासी विपिन सिंह ने इस घटना की योजना बनाई और इसके लिए आईटीआई फैक्टरी के कमरे नंबर 404 का उपयोग किया। विपिन और उसके साथी एक महीने तक इस कमरे में रैकी करते रहे और फिर डकैती की वारदात को अंजाम दिया। वारदात के बाद विपिन और उसके साथी यहां पहुंचे और लूटे गए सोना-चांदी का बंटवारा किया, जिसके बाद सभी ने अलग-अलग भागकर फरार हो गए।

पुलिस ने बरामद किया सोना
विपिन सिंह को पुलिस ने रिमांड पर लेकर सोना बरामदगी के प्रयास तेज कर दिए थे। रिमांड के चौथे दिन विपिन ने पुलिस को आईटीआई फैक्टरी में छिपाए गए सोने की जानकारी दी। सुल्तानपुर और अयोध्या पुलिस की संयुक्त टीम ने विपिन की निशानदेही पर आईटीआई फैक्टरी में जाकर कमरे से 1.218 किलो सोने के आभूषण बरामद किए। इसके अलावा, अन्य आरोपी भी गिरफ्तार हुए हैं और उनके पास से लगभग 1400 ग्राम सोना भी मिला है। इस सफलता से पुलिस को मामले की गहराई और तेजी से निपटने में मदद मिली है।

अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी बाकी
पुलिस ने डकैती के मास्टरमाइंड विपिन सिंह के साथ-साथ अन्य प्रमुख आरोपियों को भी गिरफ्तार किया है। इन आरोपियों में विपिन के भाई विवेक, विनय शुक्ला, दुर्गेश सिंह और अरविंद यादव शामिल हैं। ये आरोपी एक बोलेरो वाहन से फरार होने की कोशिश कर रहे थे। इनके पास से लगभग 1400 ग्राम सोने के आभूषण भी बरामद हुए हैं। हालांकि, अभी भी कई महत्वपूर्ण आरोपियों की गिरफ्तारी बाकी है, जिनकी खोज के लिए पुलिस टीमें लगातार प्रयासरत हैं और उनके खिलाफ एक-एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया है।

दूसरे की आईडी पर लिया था कमरा
पुलिस ने पाया कि विपिन सिंह और उसके गैंग ने आईटीआई के कमरा नंबर 404 को किराए पर लिया था, जो किसी आरडी सिंह के नाम पर था। डकैती के बाद विपिन सिंह ने गिरफ्तारी से बचने के लिए विभिन्न योजनाएं बनाई। डकैती की घटना के दूसरे दिन ही विपिन ने खुद को गैंगेस्टर अधिनियम के मामले में अदालत में पेश किया, ताकि पुलिस को गुमराह किया जा सके। रिमांड के पहले दिन उसने सोना छिपाने की जगह को लेकर झूठी जानकारी दी। हालांकि, पुलिस की सख्ती और दबाव के चलते विपिन ने अंततः सही जानकारी प्रदान की और सोना बरामद करने में पुलिस को मदद की। उसकी गिरफ्तारी और उसके द्वारा प्रदान की गई जानकारी से पुलिस को डकैती के मामले में महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं।

मुठभेड़ में मारा गया एक आरोपी
डकैती के मामले में शामिल एक प्रमुख आरोपी मंगेश यादव, जो विपिन के गैंग का सदस्य था, 5 सितंबर को जौनपुर में पुलिस मुठभेड़ में मारा गया। मंगेश यादव भी आईटीआई फैक्टरी में रह रहा था और डकैती की योजना में शामिल था। उसकी मौत ने पुलिस को डकैती के अन्य आरोपियों की खोज में मदद की है। फिलहाल, अमेठी, प्रतापगढ़, और जौनपुर के कुछ अन्य आरोपी अभी भी फरार हैं। उनकी गिरफ्तारी और डकैती के बाकी माल की बरामदगी के लिए पुलिस लगातार अभियान चला रही है।

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