आजमगढ़ नगर पालिका पर 40 करोड़ का जुर्माना : तमसा नदी में बिना ट्रीटमेंट के गिराई जा रही नालों की गंदगी

UPT | तमसा नदी में नालों की गंदगी

Sep 04, 2024 14:46

एनजीटी ने 13 अप्रैल 2024 को नगर पालिका को कारण बताओ नोटिस जारी किया था, जिसमें नगर पालिका से पूछा गया कि क्यों न उन पर पांच लाख रुपये प्रतिमाह की दर से जुर्माना लगाया जाए। यह नोटिस 2020 से बिना ट्रीटमेंट के तमसा नदी में …

Azamgarh News : आजमगढ़ नगर से निकलने वाले 17 नालों की गंदगी बिना ट्रीटमेंट के सीधे तमसा नदी में गिराई जा रही है, जिसके कारण नगर पालिका पर भारी जुर्माना लगाया गया है। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई करते हुए 40 करोड़ का जुर्माना लगाया है।

नोटिस पर नगर पालिका का उत्तर
इस मामले में एनजीटी ने 13 अप्रैल 2024 को नगर पालिका को कारण बताओ नोटिस जारी किया था, जिसमें नगर पालिका से पूछा गया कि क्यों न उन पर पांच लाख रुपये प्रतिमाह की दर से जुर्माना लगाया जाए। यह नोटिस 2020 से बिना ट्रीटमेंट के तमसा नदी में गिराए जा रहे दूषित पानी के कारण जारी किया गया था। नगर पालिका ने नोटिस का जवाब देते हुए कहा कि उन्होंने नालों पर जाली लगवा दी है और बायोरेमेडिएशन (जैविक उपचार) का कार्य भी कराया जा रहा है, जिससे दूषित पानी को नदी में जाने से रोका जा सके। हालांकि, एनजीटी और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नगर पालिका के इस उत्तर को असंतोषजनक पाया और आगे की कार्रवाई का निर्णय लिया।



प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का कठोर कदम
नगर पालिका के उत्तर से असंतुष्ट होने पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 47 माह का पांच लाख रुपये प्रतिमाह प्रति नाला की दर से 39 करोड़ 95 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। इसके साथ ही, जुर्माने की यह राशि 15 दिन के भीतर जमा करने का निर्देश दिया गया है। इस जुर्माने के पीछे का कारण यह है कि नगर क्षेत्र में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट नहीं है, जिसके कारण नगर से निकलने वाले 17.541 मिलियन लीटर प्रति दिन (एमएलडी) गंदा पानी सीधे तमसा नदी में प्रवाहित किया जा रहा है।

सामाजिक संगठनों की भूमिका
इस मामले की शुरुआत भारत रक्षा दल (भारद) नामक एक सामाजिक संगठन द्वारा की गई शिकायत से हुई थी। भारद ने नगर पालिका द्वारा नदी में सीधे गिराए जा रहे नालों के खिलाफ एनजीटी में शिकायत की थी। इसके बाद एनजीटी की टीम आजमगढ़ में पहुंची और नगर के नालों की जांच की। इस जांच के दौरान टीम ने पाया कि नगर से निकलने वाला दूषित पानी सीधे नदी में गिर रहा है, जिससे नदी का प्रदूषण स्तर बढ़ता जा रहा है। टीम के दौरे के बाद कुछ समय के लिए मामला ठंडा पड़ गया था, लेकिन अप्रैल 2024 में एनजीटी द्वारा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को निर्देशित किया गया कि वह नगर पालिका से स्पष्टीकरण मांगे। इसके बाद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नगर पालिका को कारण बताओ नोटिस जारी किया और अंततः भारी जुर्माना लगाया।

अधिकारियों का बयान
एनजीटी के निर्देश के अनुपालन में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया कि नगर पालिका का उत्तर संतोषजनक नहीं पाया गया, जिसके कारण यह कठोर कदम उठाया गया है। अधिकारी ने यह भी कहा कि नगर पालिका को तमसा नदी की स्वच्छता बनाए रखने के लिए और अधिक सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।

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