Jan 01, 2025 19:35
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महावीर घाट स्थित गायत्री शक्तिपीठ में आयोजित 108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ का शुभारंभ बुधवार को भव्य कलश यात्रा के साथ हुआ। श्रद्धालुओं की उपस्थिति में यात्रा की शुरुआत मां गायत्री, पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य और माता भगवती देवी के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर की गई।
Ballia News : महावीर घाट स्थित गायत्री शक्तिपीठ में बुधवार को 108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ का शुभारंभ भव्य कलश यात्रा के साथ हुआ। इस अद्भुत आध्यात्मिक आयोजन में बलिया और आस-पास के जिलों से श्रद्धालुओं ने भाग लिया। कलश शोभायात्रा की शुरुआत मां गायत्री, पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य और माता भगवती देवी के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर की गई। इस अवसर पर शांतिकुंज हरिद्वार से आए विद्वान आचार्यों ने मंगल व ध्वज गीत गाकर कार्यक्रम को आरंभ किया।
कलश यात्रा का मार्ग और पूजा विधि
कलश यात्रा गायत्री शक्तिपीठ से प्रारंभ होकर महावीर घाट, चमनसिंह बाग, लोहापट्टी, चौक, सिनेमा रोड, हनुमान मंदिर, बालेश्वर मंदिर, नया चौक, चित्रगुप्त रोड होते हुए भृगु मंदिर परिसर तक पहुंची। वहां वैदिक मंत्रोच्चार के साथ कलश देवता की विधिवत पूजा और जलपूर्ण कार्यक्रम संपन्न हुआ। इसके पश्चात यात्रा सतीशचंद्र कॉलेज, मालगोदाम रोड, रेलवे स्टेशन, चौक और गुदरी बाजार से होते हुए वापस गायत्री शक्तिपीठ पहुंची, जहां कलश देवता की आरती की गई।
स्थानीय लोगों का स्वागत और उत्साह
यात्रा के दौरान नगर के विभिन्न स्थानों पर स्थानीय लोगों ने श्रद्धालुओं और गायत्री साधकों का गर्मजोशी से स्वागत किया। नगर में विभिन्न स्थानों पर यात्रा की भव्य झांकियों ने सबका मन मोह लिया। गायत्री मंत्र की गूंज और भक्तिमय माहौल ने नगरवासियों को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया।
गायत्री महायज्ञ का उद्देश्य
गायत्री शक्तिपीठ के प्रभारी विजेंद्र नाथ चौबे ने महायज्ञ के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि एक से चार जनवरी तक चलने वाला यह 108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ राष्ट्र को समर्थ, सक्षम और समृद्ध बनाने का एक महान आध्यात्मिक प्रयोग है। उन्होंने कहा, "मनुष्य एक भटका हुआ देवता है। यदि वह सही दिशा में चल पड़े, तो इस संसार में उससे अधिक श्रेष्ठ और कुछ नहीं। गायत्री महायज्ञ मनुष्य को आत्मिक रूप से सुधारने और उसे सही दिशा में ले जाने का माध्यम है।"
समारोह का आध्यात्मिक प्रभाव
इस महायज्ञ में शांतिकुंज हरिद्वार के विद्वानों द्वारा विशेष यज्ञ विधियों का आयोजन किया जाएगा। इन विधियों का उद्देश्य समाज में शांति, सद्भाव और सकारात्मकता को बढ़ावा देना है। महायज्ञ के आयोजकों ने इसे मानवता और राष्ट्रहित के लिए एक अनूठा आध्यात्मिक प्रयास बताया। श्रद्धालुओं के लिए इस महायज्ञ में भाग लेना न केवल एक धार्मिक अनुभव है, बल्कि यह उनके जीवन में आध्यात्मिक ऊर्जा और सकारात्मकता का संचार भी करता है। महायज्ञ के इस आयोजन ने बलिया के वातावरण को भक्तिमय बना दिया है।
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