लोकनायक जयप्रकाश नारायण की पुण्यतिथि पर स्मरण : श्रद्धांजलि देकर प्रतिमा पर पुष्प अर्पित, खादी रैली निकाली

UPT | लोकनायक जयप्रकाश नारायण की पुण्यतिथि।

Oct 09, 2024 00:54

बलिया जनपद में जयप्रकाश नारायण स्मारक प्रतिष्ठान जेपी ट्रस्ट के तत्वावधान में लोकनायक जयप्रकाश नारायण की पुण्यतिथि मनाई गई। जिसमें आचार्य नरेंद्र देव बाल विद्या मंदिर व जयप्रभा चंद्रशेखर महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं एवं कर्मचारियों के साथ अन्य गणमान्य लोग शामिल रहे।

Baliya News : जयप्रकाश नारायण स्मारक प्रतिष्ठान जेपी ट्रस्ट के तत्वावधान में मंगलवार को लोकनायक जयप्रकाश नारायण की पुण्यतिथि धूमधाम से मनाई गई। इस आयोजन में आचार्य नरेंद्र देव बाल विद्या मंदिर और जयप्रभा चंद्रशेखर महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं एवं कर्मचारियों के अलावा अन्य गणमान्य लोग शामिल हुए। इस अवसर पर जेपी ट्रस्ट परिसर में स्थापित जयप्रकाश नारायण की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए। 

जेपी ट्रस्ट के व्यवस्थापक अशोक कुमार सिंह ने बताया कि लोकनायक जयप्रकाश नारायण जब अगस्त 1977 को अंतिम बार सीताबदियारा आए थे, तब उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर से कहा था, "एक बार हमें हमारे वीरान गांवों की सैर कराओ।" उस समय जेपी ने फफक कर रोते हुए कहा कि वे अपनी जनता के लिए बहुत चिंतित थे। उनकी यह चिंता उनके गहरे मानवीय मूल्य और जनहित के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। इस अवसर पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद एक खादी रैली का आयोजन किया गया। रैली में शामिल छात्र-छात्राओं ने अपने हाथों में जयप्रकाश नारायण के चित्र लेकर उनके जीवन और विचारों को याद किया। इस रैली के दौरान प्रातः काल की सैर का आयोजन किया गया, जिससे लोगों में जागरूकता फैलाने का प्रयास किया गया।

गाजीपुर में श्रद्धांजलि कार्यक्रम
इस बीच, पड़ोसी जनपद गाजीपुर में भी लोकनायक जयप्रकाश नारायण और कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद की पुण्यतिथि पर एक श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के तत्वावधान में महासभा के जिलाध्यक्ष अरुण कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में चंदन नगर स्थित आवास पर किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत में महासभा के कार्यकर्ताओं ने जयप्रकाश नारायण और मुंशी प्रेमचंद के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद विचार गोष्ठी का आयोजन हुआ, जिसमें वक्ताओं ने दोनों महापुरुषों के योगदान पर प्रकाश डाला। महासभा के संरक्षक प्रेम कुमार श्रीवास्तव ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि मुंशी प्रेमचंद और जयप्रकाश नारायण दोनों ही स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। प्रेमचंद ने अपनी लेखनी से और जयप्रकाश ने अपने क्रांतिकारी विचारों से स्वतंत्रता संग्राम को गति दी।

उन्होंने कहा, "जयप्रकाश नारायण का यह आह्वान कि जनता का राज स्थापित किया जाए, आज भी प्रासंगिक है। उनके विचार हमें आज भी प्रेरित करते हैं कि हम सच्चे लोकतंत्र की स्थापना के लिए संघर्ष करें।" प्रेम कुमार ने यह भी बताया कि मुंशी प्रेमचंद ने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ अपने लेखन के माध्यम से एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनका साहित्य हमेशा सत्य और न्याय की पक्षधर रहा है। प्रेमचंद ने समाज में व्याप्त असमानता और कुरीतियों के खिलाफ हमेशा अपनी आवाज उठाई और समता मूलक समाज की स्थापना के लिए संघर्ष किया।

कार्यक्रम का संचालन और उपस्थित लोग
इस गोष्ठी में कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे, जिनमें चंद्र प्रकाश श्रीवास्तव, मनीष श्रीवास्तव, अनूप श्रीवास्तव, अश्वनी श्रीवास्तव, अजय कुमार श्रीवास्तव, सुभांशु, हर्ष, हिमांशु, माधुरी श्रीवास्तव, विभा श्रीवास्तव, उर्मिला श्रीवास्तव, ममता श्रीवास्तव, प्रियांशु श्रीवास्तव, और आर्यन श्रीवास्तव शामिल थे। इस गोष्ठी का संचालन जिला महामंत्री अरूण सहाय ने किया। इस तरह, जयप्रकाश नारायण की पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रमों ने न केवल उनके योगदान को याद किया, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को उनके विचारों और संघर्षों से अवगत कराने का भी प्रयास किया। यह आयोजन इस बात का प्रमाण है कि समाज में परिवर्तन लाने वाले महापुरुषों की याद हमेशा जीवित रहेगी और उनके विचार हमारे लिए प्रेरणा स्रोत रहेंगे।

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