महर्षि भृगु मुनि की धरती बलिया कभी अयोध्या की राजधानी के काफी करीब थी। यह इस बात से सिद्ध होता है, कि राजकुमार राम विद्या अध्ययन और महर्षि विश्वामित्र के यज्ञ की रक्षा के लिए बलिया होकर ही सिद्धाश्रम (बक्सर-बिहार) गए थे। जिसके बाद उनको दूसरी बार राजा राम के रूप में बलिया आना हुआ था। भगवान राम ने जिस धरती पर रात बिताई थी आज उस धरती पर खुशियां मनाईं गईं।