Bareilly News : गोपाल स्वरूप के बाद संतोष गंगवार ने ली राज्यपाल की शपथ, झारखंड के 12वें गवर्नर बने

UPT | झारखंड के 12वें राज्यपाल की शपथ लेते संतोष गंगवार।

Jul 31, 2024 16:45

भाजपा के पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं बरेली लोकसभा सीट से आठ बार के सांसद संतोष कुमार गंगवार ने बुधवार को झारखंड के 12वें राज्यपाल के रूप में शपथ ली। उन्हें झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश एसएन प्रसाद...

Bareilly News : भाजपा के पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं बरेली लोकसभा सीट से आठ बार के सांसद संतोष कुमार गंगवार ने बुधवार को झारखंड के 12वें राज्यपाल के रूप में शपथ ली। उन्हें झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश एसएन प्रसाद ने पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। शपथ के दौरान झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन, विधानसभा अध्यक्ष रविन्द्र नाथ महतो समेत तमाम मंत्री और विधायकों ने बधाई दी। इस दौरान नवनियुक्त राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार की बेटी श्रुति गंगवार, पुत्र अपूर्व गंगवार, दामाद सुबोध सचान समेत तमाम लोग बरेली से पहुंचे थे। बरेली में उनके समर्थकों ने खुशियां मनाईं। इससे पहले बरेली के गोपाल स्वरूप पाठक कर्नाटक के राज्यपाल बने थे। इसके बाद उनको उप राष्ट्रपति भी बनाया गया था।

1989 में पहली बार बने सांसद
पूर्व केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार पहली बार 1989 में सांसद चुने गए थे। वह वर्ष 2004 तक लगातार सांसद रहे। सिर्फ वर्ष 2009 में कांग्रेस ने उनका विजय रथ रोका था। इसके बाद वर्ष 2014 और 2019 में वह फिर लगातार सांसद चुने गए। वह केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी और मोदी सरकार में मंत्री रहे। हालांकि, वह दो बार भोजीपुरा विधानसभा और दो बार लोकसभा चुनाव हार चुके थे। इस बार यानि 2024 में उन्हें भाजपा ने लोकसभा का टिकट नहीं दिया था। 

जानें कौन थे गोपाल स्वरूप पाठक
पूर्व सांसद संतोष कुमार गंगवार से पहले गोपाल स्वरूप पाठक कर्नाटक के राज्यपाल रह चुके हैं। वह उपराष्ट्रपति भी रहे थे। शहर के बानखाना मोहल्ला निवासी गोपाल स्वरूप पाठक देश के चौथे उपराष्ट्रपति चुने गए थे। उन्होंने 31 अगस्त 1969 से 30 अगस्त 1974 तक उपराष्ट्रपति की जिम्मेदारी संभाली। शहर के कुंवर दयाशंकर ऐडवर्ड मेमोरियल (केडीईएम) इंटर कॉलेज से आठवीं तक की पढ़ाई करने वाले गोपाल स्वरूप पाठक ने एमए और एलएलबी इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से किया। इसके बाद वह जज (न्यायाधीश) बन गए। अंग्रेजों के शासनकाल में गोपाल स्वरूप पाठक वर्ष 1945 से 1946 तक इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश (जस्टिस) रहे। बरेली में 26 फरवरी 1896 को जन्म लेने वाले गोपाल स्वरूप पाठक मैसूर, बेंगलुरु और कर्नाटक विश्वविद्यालय के कुलपति रहे। इसके बाद 3 अप्रैल 1960 से 2 अप्रैल 1966 और 3 अप्रैल 1966 से 13 मई 1967 तक राज्यसभा में सदस्य चुने गए, जबकि 1966 से 1967 तक केंद्रीय विधि मंत्री की जिम्मेदारी संभाली। इसके बाद 13 अप्रैल 1967 से 31 अगस्त 1969 तक मैसूर राज वर्तमान कर्नाटक के राज्यपाल रहे थे। उनका देहांत 31 अगस्त 1982 को दिल्ली में हो गया था। मगर, बरेली के भी काफी कम लोग पूर्व उपराष्ट्रपति गोपाल स्वरूप पाठक के बारे में जानते हैं। पूर्व उपराष्ट्रपति गोपाल स्वरूप पाठक मिलनसार और काफी व्यावहारिक थे।

पूर्व सीएम एनडी तिवारी से दोस्ती 
यूपी और उत्तराखंड के पूर्व सीएम एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री नारायण दत्त तिवारी (एनडी तिवारी) उनके क्लास फेलो थे। एनडी तिवारी ने भी केडीईएम इंटर कॉलेज में पढ़ाई की थी। उनके पिता पूर्णानंद तिवारी वन विभाग में नौकरी करते थे। जिसके चलते उनकी पढ़ाई बरेली में हुई। वह पूर्व राष्ट्रपति गोपाल स्वरूप पाठक के काफी अच्छे दोस्त थे।

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