साले की हत्या करने वाले बहनोई को उम्रकैद की सजा : डेढ़ लाख रुपये का लगाया अर्थदंड, ससुरालियों पर अवैध तमंचे से की थी फायरिंग

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Jan 21, 2025 19:55

बरेली में बहनोई ने अपनी बहन के साथ घरेलू हिंसा के विरोध में आए साले को गोली मार दी थी। कोर्ट ने आरोपी बहनोई हरपाल को हत्या का दोषी मानते हुए उम्रभर की सजा सुनाई है...

Bareilly News : बरेली में बहनोई ने अपनी बहन के साथ घरेलू हिंसा के विरोध में आए साले को गोली मार दी थी। कोर्ट ने आरोपी बहनोई हरपाल को हत्या का दोषी मानते हुए उम्रभर की सजा सुनाई है। इसके साथ ही, उसे डेढ़ लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है, जो पीड़ित परिवार को दिया जाएगा। यह घटना 27 जुलाई, 2018 को हुई थी, जब परिवार के लोग बहनोई को समझाने गए थे और उसने फायरिंग कर दी थी।

घरेलू हिंसा के विरोध में आई साले की हत्या
साले मुकेश कुमार ने अपनी बहन के साथ मारपीट करने वाले बहनोई हरपाल के खिलाफ कई बार शिकायत की थी, लेकिन हरपाल पर कोई असर नहीं पड़ा। इसके बाद, 27 जुलाई 2018 को मुकेश और उनके परिवार ने बहनोई को समझाने के लिए दलीपुर गांव का रुख किया। वहां, बहनोई ने सभी की मौजूदगी में अपनी पत्नी को पीटना जारी रखा। जब मुकेश के परिवार ने विरोध किया, तो बहनोई ने अवैध तमंचे से फायरिंग कर दी, जिसमें कई लोग घायल हो गए।

फायरिंग में चार लोग घायल, एक की मौत
आरोपी हरपाल ने अपनी ससुरालियों पर 315 बोर के अवैध तमंचे से फायरिंग की। इस गोलीबारी में डालचंद, विजय पाल सिंह, सोहन लाल और हेमराज को गोली लगी। घायलों को इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया, लेकिन डालचंद की इलाज के दौरान मौत हो गई। इस घटना के बाद पीड़ित परिवार ने भमौरा थाने में हत्या और हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कराया। पुलिस ने मामले की जांच की और आरोपी को गिरफ्तार किया।

अदालत ने सुनाई सजा, जुर्माना भी लगाया
अपर सत्र न्यायधीश तबरेज अहमद ने इस जघन्य हत्या के मामले में आरोपी हरपाल को सजा सुनाई। हत्या के मामले में उसे उम्रभर की सजा और 1 लाख रुपये जुर्माना लगाया गया। वहीं, हत्या के प्रयास के मामले में 10 साल की सजा और 50 हजार रुपये जुर्माना लगाया गया। अदालत ने कहा कि यदि जुर्माना न भरा गया तो आरोपी को अतिरिक्त डेढ़ साल की सजा भुगतनी होगी। इस मामले में सरकारी पक्ष ने पूरी साक्ष्य पेश की और आरोपी को दोषी ठहराया।

साक्ष्य और गवाहों ने किया आरोपी को दोषी साबित  
मुकदमे में कई गवाहों और साक्ष्यों के आधार पर आरोपी को दोषी ठहराया गया। घायलों ने पुलिस को बयान दिए और डॉक्टरों ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत की पुष्टि की। मामले में पुलिस कर्मियों और डॉक्टरों ने भी गवाही दी, जिसके बाद अदालत ने आरोपी को सजा सुनाई। इस फैसले से पीड़ित परिवार को न्याय मिला, लेकिन आरोपी की जमानत की उम्मीदें समाप्त हो गई हैं।

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