कोर्ट का फैसला : बरेली में बच्ची की करंट लगाकर जान लेने वाले को उम्रकैद, दरवाजे में लगाया था करंट, जानें क्या बोले शासकीय अधिवक्ता...

UPT | जनपद न्यायालय बरेली

Jan 21, 2025 15:36

बरेली में घर के दरवाजे पर करंट लगाकर बच्ची की जान वाले आरोपी को उम्रकैद (आजीवन कारावास) की सजा सुनाई गई है। इसके साथ ही दो लाख रूपये का अर्थदंड (जुर्माना) भी लगाया गया है। यह राशि पीड़ित परिवार को दी जाएगी। फास्ट ट्रैक कोर्ट ने एक वर्ष में फैसला सुनाया है।इससे पीड़ित परिवार काफी खुश है।

Bareilly News : यूपी के बरेली में घर के दरवाजे पर करंट लगाकर बच्ची की जान वाले आरोपी को उम्रकैद (आजीवन कारावास) की सजा सुनाई गई है। इसके साथ ही दो लाख रूपये का अर्थदंड (जुर्माना) भी लगाया गया है। यह राशि पीड़ित परिवार को दी जाएगी। फास्ट ट्रैक कोर्ट ने एक वर्ष में फैसला सुनाया है।इससे पीड़ित परिवार काफी खुश है। कोर्ट का फैसला आने के बाद शासकीय अधिवक्ता दिगंबर पटेल ने कहा कि हिफ़्जा बड़ी होती, तो आईएएस या आईपीएस बनती। वह अपने मां बाप का सहारा बनकर देश की सेवा करती। शासकीय अधिवक्ता सौरभ पटेल का कहना था कि ईश्वर ने धरती पर सबसे अच्छा उपहार मानव जीवन दिया है। इसलिए हम मानव जीवन में समाज की बेहतरी के लिए कार्य करना चाहिए। मगर, आरोपी शमशेर अली ने बच्चों के खेलने के दौरान शोर मचने को लेकर एक सोची-समझी साजिश के तहत दरवाजे पर बिजली का करंट प्रवाहित किया। इससे हिफ़्जा की मृत्यु हो गई। अदालत ने इस जघन्य अपराध को गंभीरता से लेकर आरोपी को आजीवन कारावास की सजा दी है।

घर का इकलौता चिराग थी हिफ्जा 
शहर के किला कोतवाली थाना क्षेत्र के बांगरगंज निवासी इरफान रजा ने 4 अगस्त, 2023 को किला कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई थी। उनका आरोप था कि मोहल्ले के ही शमशीर उर्फ़ बबलू ने बच्चों के खेलने और शोर करने पर अपने घर के दरवाजे में बिजली का करंट लगा रखा था। जिसके चलते बच्चों के साथ खेलने के दौरान हिफ्जा करंट की चपेट में आ गई। उसकी तड़प- तड़प कर मौत हो गई। इसके साथ ही अन्य बच्चों को भी खेलने के दौरान बिजली का करंट लगा था। उनको इलाज के लिए भर्ती कराया था। मगर, इलाज के बाद ठीक हो गए, लेकिन हिफ़्जा की जान चली गई थी।इस मामले में पुलिस ने गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया। इसके बाद आरोपी शमशेर अली उर्फ बबलू को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। इस केस की फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम रवि कुमार दिवाकर की कोर्ट में सुनवाई हुई। 

शासकीय अधिवक्ताओं ने सात गवाह किए पेश
फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई के दौरान शासकीय अधिवक्ता दिगंबर पटेल और सौरभ तिवारी ने सात गवाह पेश किए। दोनों पक्षों की दलील सुनकर कोर्ट ने आरोपी शमशेर अली उर्फ बबलू को गैर इरादतन हत्या का दोषी पाया। इसके बाद आजीवन कारावास की सजा सुनाई। यह सजा आरोप तय होने के बाद एक वर्ष में सुनाई गई है। हालांकि, घटना के बाद लोगों में काफी गुस्सा था। जिसके चलते लोगों ने आरोपी की घर से खींचकर पिटाई की थी। इसके बाद पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया था। बताया जाता है कि आरोपी को शोर से नफरत थी। वह मानसिक रोग से पीड़ित था।

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