बरेली के अपहृत लेखपाल हत्याकांड में जिन्न की एंट्री : सपा प्रमुख ने उठाए सवाल

UPT | हत्याकांड का खुलासा करते एसएसपी।

Dec 17, 2024 00:53

बरेली में अपहृत लेखपाल मनीष कश्यप हत्याकांड में पुलिस ने सोमवार को खुलासा कर दिया है। पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है...

Bareilly News : यूपी के बरेली में अपहृत लेखपाल मनीष कश्यप हत्याकांड में पुलिस ने सोमवार को खुलासा कर दिया है। पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। पुलिस का कहना है कि परिजनों से फिरौती के लिए लेखपाल का अपहरण कर हत्या की गई थी। मगर, इस बात से परिजन और लेखपाल संघ संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने विरोध में कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। उन्होंने शव की डीएनए की जांच, फरीदपुर तहसील के एसडीएम और कोतवाल आदि के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। इसके साथ ही विशेष जांच टीम से जांच कराने की बात कही। अफसरों ने परिजनों की बात को गंभीरता से सुना। इस हत्याकांड में जिन्न की भी एंट्री हो गई है। एक आरोपी ने जिन्न से पूछकर हत्या की बात कही। इसके साथ ही सपा प्रमुख एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सरकार को घेरा है। 



मृतक लेखपाल के परिजनों में गम और गुस्सा
लेखपाल मनीष कश्यप की हत्या के मामले में खुलासा होने के बाद उनके परिवार में गम और गुस्सा है। लेखपाल की मां मोरकली, पत्नी और परिवार की महिलाएं सोमवार को कलक्ट्रेट पहुंची। महिलाएं वहां धरने पर बैठ गईं। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को पत्र देकर सीओ और इंस्पेक्टर फरीदपुर को निलंबित करने की मांग की। मृतक की मां ने कहा कि शुरुआत से ही पुलिस लापरवाही बरतती रही। वे लोग अगर एडीजी से न मिलते, तो शायद ये खुलासा भी न हो पाता। परिजनों ने कहा कि केवल सिर के कंकाल से वह कैसे मान लें कि वह मनीष का ही है। इसकी डीएनए जांच कराई जाए। पूरा शव बरामद किया जाए। सिटी मजिस्ट्रेट ने उन्हें मनाया। बोले, पुलिस जांच कर रही है, जो भी दोषी होगा, वह जेल जाएगा।

गुस्साया लेखपाल संघ, होगी हड़ताल 
लेखपाल मनीष कश्यप की हत्या के मामले में लेखपाल संघ का आक्रोश चरम पर है। परिजन कलेक्ट्रेट पर दहाड़े मारकर रो रहे हैं, तो उनके कई सवाल हैं। यही सवाल लेखपालों के भी हैं। वह अधिकारियों के संवेदहीन रवैये को मुद्दा बना रहे हैं। फरीदपुर के एसडीएम, सीओ और इंस्पेक्टर पर आरोपों की आंच आ रही है। लेखपाल संघ के मंडल मंत्री भूषित सक्सेना ने बताया कि संगठन के सभी लोग मनीष कश्यप की हत्या को लेकर बेहद आक्रोशित हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी घटना हुई है, जो बेहद दर्दनाक है। उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ के जिलाध्यक्ष योगेन्द्र पाल सिंह और मंत्री संदेश कुमार ने जिलाधिकारी को एक मांग पत्र दिया है। इसमें कहा गया है कि मनीष कश्यप का कथित नरकंकाल मिलने के बाद एक बैठक हुई। जिसमें फरीदपुर में तैनात साथी की गुमशुदगी की रिपोर्ट होने के बाद भी फरीदपुर के उप जिलाधिकारी, सीओ व थानाध्यक्ष ने कोई गंभीरता नहीं दिखाई। इस वजह से यह घटना घटी। जब तक दोषी अफसरों पर कार्रवाई नहीं होगी लेखपाल संघ शासकीय कार्यो से विरत रहेगा। 

यह भी पढ़ें : अतुल सुभाष केस में इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला : सभी आरोपियों को अग्रिम जमानत, सिर्फ निकिता के चाचा को मिल सकेगी राहत

24 घंटे में फारेंसिक की जांच रिपोर्ट मंगाने की मांग
मृतक के आश्रितो को पचास लाख का मुआवजा दिलाने, नौकरी देने की मांग की गई है। लेखपाल संघ ने यह भी कहा है कि राजस्व संहिता 2006 में शासकीय भूमि पर अगर कोई अतिक्रमण होता है तब प्राविधान के मुताबिक कार्रवाई ही लेखपाल करेंगे। किसी अन्य भूमि के मामले में नहीं। अगर कोई बड़ा अफसर दवाब बनायेगा तब संघ कठोर फैसला करेगा। फरीदपुर के मामले में भी अफसरों पर दवाब बनाकर रिपोर्ट कराने का मामला सामने आया है। संघ ने कहा है कि 24 घंटे में प्रभावी निर्णय नहीं हुआ तो कार्य बहिष्कार होगा। 

कातिल का कबूलनामा,  दो बीवियों के खर्च के लिए मार दिया लेखपाल 
पुलिस ने लेखपाल मनीष कश्यप के हत्याकांड का खुलासा कर दिया। एसएसपी अनुराग कश्यप ने सोमवार को मीडिया के सामने सभी पक्षों को रखा। पता चला है कि पुलिस ने आरोपी ओमवीर उर्फ अवधेश और नन्हे पुत्र सुखराम को गिरफ्तार किया है, जबकि इस मामले में सूरज और नेत्रपाल अभी फरार है। लेखपाल का कंकाल रविवार को मिर्जापुर गांव में सुनसान इलाके में नाले से बरामद हुआ था। 27 नवंबर को लेखपाल की अपहरण के बाद हत्या कर दी गई थी। 

दो बीवियों का खर्चा पड़ा भारी
पुलिस पूछताछ में आरोपी ओमवीर ने लेखपाल मनीष कश्यप की हत्या करना कबूल किया है। उसने बताया कि उसके ऊपर काफी कर्ज था और दो पत्नियों है एक नोएडा दूसरी बरेली में रहती है। उनका खर्चा भी चलाना पड़ता है। इस वजह से उसने लेखपाल मनीष कश्यप का अपहरण कर लिया था और चार लाख रुपये की फिरौती मांगनी थी, लेकिन फिरौती मांगने से पहले पुलिस ने आरोपी ओमवीर को गिरफ्तार कर लिया। ओमवीर की निशानदेही पर पुलिस ने लेखपाल के कंकाल को बरामद कर लिया। 

एक पत्नी नोएडा और दूसरी बरेली में 
ओमवीर के ऊपर पहले से तीन मुकदमे चल रहे हैं। कुछ दिनों पहले ही वह जेल से जमानत पर बाहर आया है। उसकी जमानत में भी काफी रुपया खर्च हुआ था। जिस वजह से ओमवीर पर काफी कर्ज हो गया है। ओमवीर ने एक कार भी फाइनेंस कराई थी। जिसकी ईएमआई भी उसको देनी पड़ती थी। वही दो बीवियां होने की वजह से खर्च और अधिक बढ़ गया था। एक पत्नी उसकी नोएडा में रहती है तो दूसरी बरेली में।


आरोपियों का परिचित था लेखपाल
पुलिस पूछताछ में ओमवीर ने बताया कि आर्थिक तंगी बहुत ज्यादा चल रही थी। जिस वजह से उसने लेखपाल का अपहरण किया। पुलिस पूछताछ में ओमवीर ने बताया कि लेखपाल मनीष कश्यप मेरी जात का होने के कारण मेरा पूर्व से ही परिचित था। लेखपाल की तैनाती तहसील फरीदपुर में होने के कारण मैं उनका छोटा-मोटा काम कर देता था। जिसके बदले में मुझे कुछ कमीशन मिल जाता था। उसने योजना में शामिल लोगों के नाम भी खोले। 

शराब पिलाने के बहाने बुलाया
आरोपी ने बताया कि उसने 27 नवंबर को मैने लेखपाल मनीष कश्यप को फोन पर शराब पिलाने के बहाने मिलने को बुलाया। सूरज ने अपने मफलर से लेखपाल मनीष कश्यप का गला कसकर उसकी हत्या कर दी। नशा ज्यादा होने के कारण लेखपाल मनीष कश्यप विरोध नहीं कर सका। आरोपी ने बताया कि उसका फिरौती मांगने का प्लान बना रहे थे। उससे पहले ही हमको पुलिस ने पकड़ लिया। 

इंस्पेक्टर फरीदपुर की जांच होगी, लेखपाल मनीष कश्यप हत्याकांड का खुलासा करते हुए एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि आरोपियों की बातचीत के दो ऑडियो भी पुलिस को मिले हैं। जिससे यह साफ हो गया कि लेखपाल हत्याकांड को इन चार लोगों ने मिलकर अंजाम दिया है। इंस्पेक्टर फरीदपुर की जांच भी की जा रही है। एसएसपी ने बताया कि ऑडियो में यह लोग आपस में बातचीत कर रहे हैं कि अभी फिरौती मांगने का समय नहीं है। अभी ग्राम प्रधानों पर आरोप लगा है। जिस वजह से शांत रहो। अगर, फोन किया तो फस जाओगे। जिस वजह से इन लोगों ने फोन नहीं किया और शांत रहे। फोन पर ओमवीर का मामा कह रहा है कि लेखपाल का जो सामान हो वह भी ठिकाने लगा दो। वरना कहीं पुलिस तुम्हें पकड़ ना ले। एसएसपी अनुराग आर्या ने बताया कि इन दोनों आरोपियों से गहन पूछताछ की गई है। इनके दो साथियों को गिरफ्तार करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि थाना फरीदपुर इंस्पेक्टर की भूमिका पर परिजनों ने सवाल उठाए थे। इसको लेकर मैंने पहले ही जांच बैठा दी है। परिजनों के कहने पर मैंने फरीदपुर की जगह फतेहगंज पश्चिमी थाने से इस मामले की विवेचना ट्रांसफर कर दी थी।

हत्याकांड में तांत्रिक शामिल, जिन्न की एंट्री
इस हत्याकांड में एक किडनैपर तांत्रिक भी है। उसने पुलिस को बताया कि जिन्न से पूछा कि काम कर लें, लेकिन ऊपर से मना हो गया। हालांकि, तब तक तांत्रिक के दोस्त लेखपाल मनीष की मफलर से गला दबाकर हत्या कर चुके थे। नन्हे तांत्रिक पर फरीदपुर थाने में कई मुकदमें चल रहे हैं। 

सपा प्रमुख बोले, भूमाफिया चला रहे हैं यूपी सरकार
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपहरण के बाद लेखपाल की हत्या पर सरकार को घेरा है। अखिलेश यादव ने फेसबुक पर लिखा है कि बरेली में कई दिनों से लापता लेखपाल का सिर नाले में मिलने के बाद परिजनों ने उप्र के अंदर चल रही उस सांठगांठ पर अंदेशा जताया है। इसके एक छोर पर सरकारी भ्रष्टाचार है और दूसरे छोर पर भूमाफ़िया। भूमाफिया ही उत्तर प्रदेश की सरकार चला रहे हैं, बाकी सब तो चेहरे हैं।

Also Read