मोहर्रम की दस तारीख (यौम-ए-आशूरा) पर हजरत इमाम हसन हुसैन की शहादत पर अकीदतमंदों ने अकीदत का नजराना पेश किया। अकीदतमंदों ने इबादत की। इसके साथ ही कुरानख्वानी और फातिहा लगाकर लंगर किया। कड़ी सुरक्षा के बीच तख्त और ताजियों का जुलूस निकाला गया। शहर में सुन्नी समुदाय के ताजिए शाम को बाकरगंज कर्बला में सुपुर्द ए खाक किए गए।