चित्रकूट जेल हादसे की रिपोर्ट पेश : सीएम योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में रखी जांच रिपोर्ट 

UPT | सीएम योगी आदित्यनाथ

Aug 12, 2024 18:41

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चित्रकूट जिला कारागार में 14 मई 2021 को हुई तीन बंदियों की मृत्यु के मामले की जांच रिपोर्ट राज्य विधानसभा के पटल पर रखी है।

Short Highlights
  • चित्रकूट जिला कारागार में 14 मई 2021 को हुई तीन बंदियों की मृत्यु
  • जेल सुरक्षा व्यवस्था में व्यापक सुधार की सिफारिश
Lucknow : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चित्रकूट जिला कारागार में 14 मई 2021 को हुई तीन बंदियों की मृत्यु के मामले की जांच रिपोर्ट राज्य विधानसभा के पटल पर रखी है। इस रिपोर्ट में गठित एकल सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग द्वारा दी गई सिफारिशों और सुझावों का विवरण है। जेल सुरक्षा व्यवस्था में व्यापक सुधार की सिफारिश की गई है।

यह था पूरा मामला
चित्रकूट जेल में 14 मई 2021 को कैदी अंशु दीक्षित ने मुख्तार अंसारी गैंग के मेराज और बदमाश मुकीम काला की गोली मारकर हत्या कर दी थी। बाद में जेलकर्मियों और पुलिस से हुई मुठभेड़ में अंशु भी मारा गया था। इस घटना की गंभीरता को देखते हुए प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश जांच आयोग अधिनियम-1952 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए एक एकल सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन किया। आयोग ने इस घटना की विस्तृत जांच की और अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपी। इस रिपोर्ट में जेल प्रशासन और सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए हैं।

जेल में नियमित और प्रभावी तलाशी
आगंतुकों, बंदियों और कैदियों के सामान की सख्त जांच सुनिश्चित करने के लिए एक व्यवस्था स्थापित करने की सिफारिश की गई है। यह सुझाव दिया गया है कि केंद्रीय या राज्य अर्धसैनिक बलों को विशेष जेलों में 3-4 महीने की अवधि के लिए तैनात किया जाए। जिला कारागार चित्रकूट के सभी महत्वपूर्ण स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं और उनकी नियमित मरम्मत सुनिश्चित की जाए।

पर्याप्त संख्या में जेल वार्डर
चित्रकूट जिला जेल में पर्याप्त संख्या में लेडी हेड जेल वार्डर और लेडी जेल वार्डर की तैनाती की जानी चाहिए, ताकि महिला कैदियों की उचित तलाशी सुनिश्चित हो सके। जेल कर्मचारियों को अपने पोस्टिंग पॉइंट पर आगंतुकों और सामान की सख्ती से तलाशी लेने का निर्देश दिया जाए और वे सिविल पुलिस, होमगार्ड आदि द्वारा तलाशी लेने के दौरान मूक दर्शक न बनें।

जेल गेट पर तलाशी
जेल में प्रवेश करने वाले हर व्यक्ति के बारे में गेट बुक में उचित प्रविष्टि किए बिना जेल में प्रवेश न करने का निर्देश दिया जाए। सामान आदि की तलाशी के लिए जेल स्टाफ को तैनात किया जा सकता है। जेल स्टाफ को तैनात करने में सावधानी बरती जाए ताकि मुख्य द्वार और उसकी खिड़कियों को केवल आवश्यकता के समय ही खोला जा सके। शौचालय की सुविधा जेल के मुख्य द्वार के पास उपलब्ध होनी चाहिए।

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