Chitrakoot News : दहेज हत्या के दोषी सिपाही को 20 साल की सजा, सास-ससुर को भी 10 साल की कैद

UPT | चित्रकूट।

Sep 15, 2024 01:00

चित्रकूट की अदालत ने दहेज हत्या के मामले में दोषी मृतका के सिपाही पति को 20 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही मृतका के सास, ससुर को 10-10 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही...

Chitrakoot News : चित्रकूट की अदालत ने दहेज हत्या के मामले में दोषी मृतका के सिपाही पति को 20 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही मृतका के सास, ससुर को 10-10 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही अर्थदण्ड भी लगाया है। 

ये था पूरा मामला
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता गोपाल दास ने बताया कि वादी कृष्णा ने कर्वी कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस को दी गयी तहरीर में कृष्णा ने बताया था कि वह एक साधारण किसान है और अपनी बेटी गुड़िया की शादी 29 नवम्बर 2017 को महोबा जिले के खरेला थाने के पुनिया गांव के निवासी योगेन्द्र कुमार के साथ की थी। शादी में यथा शक्ति दान दहेज भी दिया था। इसके बावजूद योगेन्द्र कुमार के उत्तर प्रदेश पुलिस में सेवारत होने के कारण ससुरालीजन दहेज से संतुष्ट नहीं थे। पहली बार ससुराल जाने के बाद मायके आने पर पुत्री गुड़िया ने बताया था कि ससुरालीजन चार पहिया गाड़ी की मांग कर रहे हैं। ससुरालीजनों की मांग पर असमर्थता जाहिर करते हुए उसने पुत्री को ससुराल भेज दिया था। इसके बाद योगेन्द्र कुमार उसकी पुत्री गुड़िया को लेकर पुलिस लाइन चित्रकूट के सरकारी कमरे में रहने लगा। 

2019 में हुई थी हत्या
चार पहिया गाड़ी की मांग को लेकर 26 सितम्बर 2019 को योगेन्द्र कुमार, गुड़िया के ससुर सीताराम और सास शील आदि ने उसकी बेटी को मारकर कमरे के पंखे में लटका दिया। जिसकी सूचना उन लोगों को दूसरे दिन 27 सितम्बर को दी गयी। मृतका के पिता ने बताया कि मनचाही मांग पूरी न होने के कारण लगभग 5 माह की गर्भवती उनकी बेटी गुड़िया की हत्या कर दी गयी। पुलिस ने मामले की रिपोर्ट दर्ज करने के बाद न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया था। 

एडीजे ने सुनाई सजा
बचाव और अभियोजन पक्ष के अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने के बाद न्यायालय के अपर जिला जज नीरज श्रीवास्तव ने इस मामले में निर्णय सुनाया। जिसमें दोष सिद्ध होने पर सिपाही योगेन्द्र कुमार को 20 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई। साथ ही मृतका के ससुर सीताराम व सास शीला को भी 10-10 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है। तीनों आरोपियों पर कुल 51 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है।

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