Chitrakoot News : बांदा के महाविद्यालयों को जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय से जोड़ने की मांग

UPT | बांदा के महाविद्यालयों को जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय से जोड़ने की मांग।

Dec 18, 2024 12:48

चित्रकूट धाम मंडल बांदा के समस्त महाविद्यालयों को बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झांसी की जगह जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय से संबद्ध करने की मांग जोर पकड़ रही है। इस मुद्दे को विधान परिषद सदस्य डॉ....

Chitrakoot News : चित्रकूट धाम मंडल बांदा के समस्त महाविद्यालयों को बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झांसी की जगह जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय से संबद्ध करने की मांग जोर पकड़ रही है। इस मुद्दे को विधान परिषद सदस्य डॉ. बाबूलाल तिवारी ने प्रमुखता से उठाया है। उन्होंने विधान परिषद में चर्चा और वक्तव्य कराने की मांग की है, ताकि छात्रों को सहूलियत मिल सके।  

छात्रों को होती हैं परेशानियां
डॉ. तिवारी ने कहा कि वर्तमान में मंडल के सभी महाविद्यालय बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झांसी से संबद्ध हैं, जिसकी वजह से छात्रों को लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। इससे न केवल समय की बर्बादी होती है, बल्कि आर्थिक और शारीरिक परेशानियां भी बढ़ती हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि यदि सभी महाविद्यालयों को चित्रकूट स्थित जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय से जोड़ा जाए तो छात्रों को अधिक सुविधा मिलेगी और उनकी शैक्षणिक गतिविधियां सुगम हो सकेंगी।  

छात्रों ने भी की मांग  
विद्यार्थियों ने भी इस मांग का समर्थन करते हुए कहा कि झांसी जाने में कई दिक्कतें होती हैं। चित्रकूट में विश्वविद्यालय होने के बावजूद संबद्धता न होने से उनकी समस्याएं बढ़ती हैं। छात्रों ने अपील की कि सरकार जल्द इस मामले में निर्णय ले।  

स्थानीय लोगों का समर्थन
मंडल के स्थानीय शिक्षाविद और अभिभावक भी इस पहल का समर्थन कर रहे हैं। उनका कहना है कि चित्रकूट के विश्वविद्यालय से संबद्धता होने पर न केवल छात्रों को लाभ होगा, बल्कि क्षेत्र का शैक्षिक और सामाजिक विकास भी होगा।  

विधान परिषद में उठेगा मुद्दा
डॉ. तिवारी ने भरोसा दिलाया है कि वह इस विषय को जल्द ही विधान परिषद में उठाएंगे और संबद्धता प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाने का प्रयास करेंगे। उन्होंने सरकार से अपील की कि छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए इस मामले में शीघ्र निर्णय लिया जाए। 

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