Chitrakoot News : जेल के बंदी महाकुंभ में दिखाएंगे हुनर, श्लोक और कविताओं से सजाएंगे कुर्ते-टी शर्ट

UPT | महाकुंभ के लिए कुर्ते और टी शर्ट तैयार करते बंदी।

Dec 28, 2024 17:16

प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरू हो रहे महाकुंभ की तैयारियां अपने चरम पर हैं। इस भव्य आयोजन को विशेष और यादगार बनाने के लिए राज्य सरकार से लेकर समाज के हर वर्ग का सहयोग देखने को मिल रहा है। इस कड़ी में चित्रकूट जिला...

Chitrakoot News : प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरू हो रहे महाकुंभ की तैयारियां अपने चरम पर हैं। इस भव्य आयोजन को विशेष और यादगार बनाने के लिए राज्य सरकार से लेकर समाज के हर वर्ग का सहयोग देखने को मिल रहा है। इस कड़ी में चित्रकूट जिला जेल के बंदी भी पीछे नहीं हैं। वे अपनी कला और हुनर के जरिए इस महापर्व में शामिल हो रहे हैं। चित्रकूट जिला जेल में बंद कैदी विशेष कुर्ते और टी शर्ट तैयार कर रहे हैं, जिन पर संस्कृत के श्लोक और हिंदी कविताएं लिखी गई हैं। इन अनोखे परिधानों और सजावटी वस्तुओं को महाकुंभ मेले में कारागार विभाग के स्टॉल पर प्रदर्शित किया जाएगा।  

बंदियों के हुनर की झलक महाकुंभ में
चित्रकूट कारागार के जेलर संतोष कुमार वर्मा के अनुसार, जेल में बंदियों द्वारा 300 सजावटी गमले और करीब 1000 कुर्ते व टी शर्ट तैयार किए जा रहे हैं। इन पर विशेष रूप से संस्कृत के श्लोक और हिंदी की कविताएं लिखी गई हैं, जो भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता का संदेश देती हैं।  

सजाए जाएंगे स्टॉल
महाकुंभ मेले में इन वस्तुओं की बिक्री से होने वाली आमदनी बंदियों के कल्याणकारी कार्यों में उपयोग की जाएगी। जेलर संतोष कुमार वर्मा ने बताया कि यह पहल बंदियों के आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने और उनके पुनर्वास की दिशा में एक कदम है।  

बंदियों को भी पहनाए जाएंगे संस्कृत वाले कुर्ते और टी शर्ट
जेलर संतोष कुमार वर्मा ने कहा कि बंदियों को भी ये खास कुर्ते और टी शर्ट पहनाए जाएंगे, ताकि वे जीवन के मूलभूत उद्देश्यों को समझ सकें और अपने भविष्य को सकारात्मक रूप से देख सकें। यह पहल उन्हें जेल के जीवन से निराश न होकर एक बेहतर नागरिक बनने के लिए प्रेरित करेगी।  

समाज के लिए एक नई प्रेरणा
महाकुंभ में चित्रकूट जेल के बंदियों का योगदान यह दर्शाता है कि यदि सही दिशा और अवसर मिले, तो हर व्यक्ति समाज के लिए कुछ सकारात्मक कर सकता है। चित्रकूट जेल का यह प्रयास न केवल महाकुंभ में आकर्षण का केंद्र बनेगा, बल्कि बंदियों के जीवन में भी एक नई रोशनी लेकर आएगा।

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