वक्फ बोर्ड एक्ट में संशोधन : जेपीसी की रिपोर्ट तैयार, लोकसभा में बजट सत्र के अंतिम दिन प्रस्तुत किया जाएगा

UPT | जेपीसी अध्यक्ष डुमरियागंज के सांसद जगदंबिका पाल सिंह।

Dec 06, 2024 12:40

वक्फ बोर्ड एक्ट संशोधन पर विवाद के बीच जेपीसी ने रिपोर्ट तैयार की है। अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने बताया कि लोकसभा में प्रस्ताव पारित हुआ था, और बजट सत्र के अंतिम दिन रिपोर्ट पेश की जाएगी।

Gonda News : वक्फ बोर्ड एक्ट में संशोधन को लेकर संसद में चल रही चर्चाओं और विवादों के बाद, यह मामला अब समाधान की ओर बढ़ता दिख रहा है। संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है, जिसे लोकसभा के बजट सत्र के अंतिम दिन प्रस्तुत किया जाएगा। इस बीच, डुमरियागंज के सांसद और जेपीसी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने इस विषय पर महत्वपूर्ण बयान दिया है।



जेपीसी की रिपोर्ट तैयार 
जगदंबिका पाल ने बताया कि वक्फ बोर्ड संशोधन अधिनियम को लेकर लोकसभा में एक प्रस्ताव पारित हुआ था, जिसके तहत जेपीसी को इस पर रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई। अब यह रिपोर्ट पूरी हो चुकी है और लोकसभा अध्यक्ष की अनुमति मिलने के बाद इसे संसद में पेश किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि 5 दिसंबर को भारत सरकार के अल्पसंख्यक विभाग के अधिकारियों के साथ एक बैठक आयोजित की गई थी। इस बैठक में वक्फ बोर्ड एक्ट के तहत किए गए 44 संशोधनों पर विस्तार से चर्चा की गई। खासतौर पर वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर उठाए जा रहे दावों और विवादों को ध्यान में रखते हुए गहन विचार-विमर्श किया गया।

संपत्तियों पर विवाद और समाधान
जगदंबिका पाल के अनुसार, वर्तमान में वक्फ बोर्ड 123 संपत्तियों पर दावा कर रहा है। इनमें से कई संपत्तियां राज्य सरकारों की हैं, जिन पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि इन संपत्तियों से जुड़े विवादों को सुलझाने के लिए भारत सरकार और अर्बन डेवलपमेंट मंत्रालय से स्पष्टीकरण लिया जाएगा। इसके अलावा, राज्य सरकारों के प्रमुख सचिव और अल्पसंख्यक विभाग के अधिकारियों को बुलाकर इस मुद्दे पर चर्चा की जाएगी।

जेपीसी अध्यक्ष ने यह भी कहा कि रिपोर्ट तैयार करते समय मुस्लिम धर्मगुरुओं और राज्य सरकारों से संवाद करना उनकी प्राथमिकता है। उनका मानना है कि सर्वसहमति से रिपोर्ट तैयार करने से संसद में इसे आसानी से पारित कराया जा सकेगा।

संशोधन के बाद संभावित बदलाव
संशोधित वक्फ बोर्ड अधिनियम में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए जाएंगे। इनमें वक्फ बोर्ड की संपत्तियों का पंजीकरण सुनिश्चित करना मुख्य है। वर्तमान में, सेना और रेलवे के बाद वक्फ बोर्ड के पास देश में सबसे ज्यादा संपत्तियां हैं, लेकिन इनमें से अधिकांश का कोई पंजीकरण नहीं हुआ है।

संशोधन के तहत यह भी प्रस्तावित है कि संपत्ति पर दावेदारी के मामलों में लोग उच्च न्यायालय और सुप्रीम कोर्ट तक अपील कर सकेंगे, जो पहले संभव नहीं था। यह संशोधन पारदर्शिता और न्याय सुनिश्चित करने में मदद करेगा।

सर्वसम्मति से पेश होने की उम्मीद
जगदंबिका पाल ने भरोसा जताया कि जेपीसी की इस रिपोर्ट को संसद में सर्वसहमति से प्रस्तुत किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अब तक जेपीसी की 29 बैठकें हो चुकी हैं और समिति इसे जल्द से जल्द पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। वक्फ बोर्ड एक्ट में संशोधन देश में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और विवादों को सुलझाने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो सकता है। इस रिपोर्ट के संसद में प्रस्तुत होने के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि इस पर क्या निर्णय लिए जाते हैं और यह संशोधन किस तरह वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को पारदर्शी बनाएगा। 

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