महिला अध्यापिकाओं ने इस मामले की शिकायत उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा महानिदेशक प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा और गोंडा के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से की है। शिकायत पत्र में उन्होंने आरोप लगाया कि इंचार्ज अध्यापक ने कई बार उन्हें कार्यालय में बुलाकर बच्चों को न पढ़ाने का दबाव डाला और यह कहा कि स्कूल में वेतन मिलने के लिए बच्चों को पढ़ाना जरूरी नहीं है।