बाबा सिद्दीकी हत्याकांड : गरीब परिवारों के बेटे निकले आरोपी, लॉरेंस बिश्नोई गैंग का नया ठिकाना बना गंडारा गांव?

UPT | बाबा सिद्दीकी

Nov 12, 2024 21:10

गिरफ्तार मुख्य शूटर शिवा और उसके चार साथी आपस में अच्छे दोस्त बताए जा रहे हैं। गंडारा गांव के पांच युवक इस मामले में फंसे हुए हैं और ये सभी लॉरेंस बिश्नोई के गैंग के झांसे में आकर अपराध में शामिल हो गए हैं...

Short Highlights
  • सिद्दीकी हत्याकांड में चौंकाने वाला खुलासा
  •  एक गांव से पांच दोस्त बने लॉरेंस गैंग के शूटर
  • नेपाल से लौटा मुख्य आरोपी शिवा
Bahraich News : मुंबई में महाराष्ट्र सरकार के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की हत्या से जुड़े मामले में एक नया मोड़ आया है। दरअसल, गिरफ्तार मुख्य शूटर शिवा और उसके चार साथी आपस में अच्छे दोस्त बताए जा रहे हैं। गंडारा गांव के पांच युवक इस मामले में फंसे हुए हैं और ये सभी लॉरेंस बिश्नोई के गैंग के झांसे में आकर अपराध में शामिल हो गए हैं। इस मामले को देखकर यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि कहीं गंडारा गांव में लॉरेंस बिश्नोई का गिरोह पूरी तरह से सक्रिय तो नहीं हो गया है। मुंबई क्राइम ब्रांच के साथ-साथ स्थानीय पुलिस और एसटीएफ की टीम लगातार इस इलाके पर नजर बनाए हुए हैं।

आरोपियों के खिलाफ पहले से दर्ज हैं मामले
हालांकि, इस मामले में कुछ और चौंकाने वाली जानकारी भी सामने आई है। तीन आरोपियों के खिलाफ पहले से छेड़छाड़ के मामले दर्ज हैं। इस मामले में इन आरोपियों के परिवारों का आरोप है कि इन सभी को फंसाने के लिए अनुराग को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। परिजनों का कहना है कि मुंबई पुलिस ने पहले अनुराग को गिरफ्तार किया था, लेकिन बाद में उसे छोड़ दिया गया। इसके बाद अनुराग ने शिवा और उसके साथियों को इस मामले में फंसाने की योजना बनाई। पुलिस की मदद से इस योजना को अंजाम देने का आरोप भी अनुराग पर है और इस पर पुलिस ने कार्रवाई की है।



गंडारा गांव के हैं सभी आरोपी
रविवार को मुंबई क्राइम ब्रांच और एसटीएफ की संयुक्त टीम ने शिवकुमार उर्फ शिवा को नानपारा तहसील के हांड़ा बसेहरी गांव से चार अन्य साथियों के साथ गिरफ्तार कर मुंबई ले आई है। गिरफ्तार हुए सभी आरोपी गंडारा गांव के रहने वाले हैं, जिनमें अनुराग, ज्ञानप्रकाश त्रिपाठी, अखिलेश प्रताप सिंह और आकाश श्रीवास्तव शामिल हैं।

तीन साल से कबाड़ का काम कर रहा था शिवा
मुख्य शूटर शिवकुमार उर्फ शिवा गौतम की मां, सुमन ने बताया कि उनका बेटा होली के चार दिन बाद पुणे काम करने के लिए निकला था और पिछले तीन साल से वहीं रहकर कबाड़ का काम कर रहा था। पुणे में, वह हरीश नाम के एक युवक के माध्यम से यह काम करता था, जो उनके गांव का निवासी था। शिवा, तीन भाइयों और तीन बहनों में दूसरे नंबर का है और गांव में स्थित प्राइमरी स्कूल में उसने पांचवीं तक पढ़ाई की है। उसके पिता बालकिशन मजदूरी करते हैं। इसी तरह, अनुराग कश्यप की मां, कुसमा ने बताया कि उनके पति राधेश्याम मछली बेचकर परिवार का पालन-पोषण करते थे, लेकिन चार साल पहले उनकी दृष्टि में कमी आने के कारण उन्होंने अपना काम छोड़ दिया। कुसमा के पांच बेटे और एक बेटी है। इस मामले से जुड़े दिन ही पुलिस ने उनके छोटे बेटे धर्मराज कश्यप को मुंबई में गिरफ्तार कर लिया था।

आकाश के पिता करते हैं खेती
वहीं आकाश श्रीवास्तव, जो शिवा के मददगार के रूप में पकड़ा गया था, उसकी मां गीता ने बताया कि उनका बेटा गोंडा के एक कॉलेज से बीएससी एग्रीकल्चर की पढ़ाई कर रहा था और साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी कर रहा था। गीता को रात आठ बजे उनके बेटे की गिरफ्तारी की जानकारी मिली। वह तीन भाईयों में सबसे छोटे हैं और उनके पिता खेती करते हैं। इसी तरह, अखिलेश प्रताप सिंह की गंडारा गांव में कपड़े की दुकान है और उनकी मां रानी सिंह एएनएम हैं। ज्ञानप्रकाश त्रिपाठी के बारे में बताया गया कि वह मोबाइल की दुकान पर काम करता है, जबकि उनके पिता प्रदीप कुमार पंडिताई कर परिवार का भरण-पोषण करते हैं। दोनों के घरों पर ताला लगा मिला। 

गांव में साथ नजर आते थे सभी आरोपी
अनुराग के परिजनों ने बताया कि वह पांच दिन पहले किसी सेठ के साथ कपड़ा लेने के लिए घर से निकला था। वहीं, पकड़े गए अन्य युवकों के परिजनों ने आरोप लगाया है कि अनुराग ने उनके बेटों को फंसाया है। गांव में चर्चा है कि ये युवक अक्सर एक साथ नजर आते थे, लेकिन उनके बारे में किसी को यह अंदाजा नहीं था कि ये खतरनाक गैंग से जुड़े हुए होंगे और हत्या में शामिल हो सकते हैं। घटना के कुछ दिनों बाद, धर्मराज कश्यप के भाई अनुराग कश्यप और गांव के हरीश को मुंबई क्राइम ब्रांच ने पूछताछ के लिए उठाया था। हरीश को तो पुलिस ने अपने साथ ले लिया था, लेकिन अनुराग को बिना किसी समस्या के घर छोड़ दिया था। अब, गांव के सात युवकों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस की खुफिया टीमें गुपचुप तरीके से गांव के युवकों की गतिविधियों पर नजर रख रही हैं और कुछ अनजान लोग भी गांव के आसपास देखे जा रहे हैं।

आरोपियों का आपस में गहरा परिचय
पकड़े गए आरोपियों, अखिलेश सिंह, आकाश और ज्ञानप्रकाश त्रिपाठी पर ताजिया जुलूस के दौरान एक किशोरी से छेड़छाड़ के आरोप हैं, जिसके बारे में कैसरगंज पुलिस को जानकारी मिली है। इस मामले की जांच अभी भी जारी है। ग्रामीणों के अनुसार, सभी आरोपियों का घर गंडारा गांव में लगभग 500 मीटर के दायरे में स्थित है और बचपन से ही ये सभी एक-दूसरे को जानते हैं। इन सबका आपस में गहरा परिचय रहा है, जो इस मामले की जांच को और जटिल बनाता है।

पुलिस ने सभी आरोपियों को किया गिरफ्तार
पुलिस और गांववालों के मुताबिक, बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में फरार मुख्य शूटर, शिवकुमार गौतम, मुंबई से वापस आने के बाद अपने गांव के रास्ते नेपाल चला गया था। नेपाल में वह अपने साथियों और परिजनों से लगातार फोन पर संपर्क बनाए हुए था। यह जानकारी एसटीएफ और मुंबई क्राइम ब्रांच तक भी पहुंची थी, जिसके बाद पुलिस ने मामले में तेजी से कदम उठाए। सूत्रों के अनुसार, अनुराग कश्यप ने ही शिवा को नेपाल से यहां बुलाया था और दिल्ली या किसी अन्य जगह पर काम करने की पेशकश की थी। इस दौरान, शिवा अपने साथियों से भी संपर्क करता रहा, लेकिन दोस्ती के झांसे में आकर वह नेपाल से वापस लौट आया और दिल्ली जाने की तैयारी करने लगा। एसटीएफ और मुंबई पुलिस ने इस पर पूरी नजर रखी और जैसे ही अवसर मिला, सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। अब, पुलिस यह जांच कर रही है कि क्या इन आरोपियों के अन्य सदस्य भी शामिल हैं।

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