Bahraich Violence : बहराइच हिंसा मामले में 4 नवंबर तक बुलडोजर एक्शन पर रोक, अब इस दिन होगी सुनवाई

UPT | बुलडोजर एक्शन पर रोक

Oct 23, 2024 18:26

बहराइच के महारागंजके जिन 23 घरों में अतिक्रमण हटाने के लिए बुलडोजर चलाने का नोटिस चस्पा किया था। उस मामले में लखनऊ हाई कोर्ट में बुधवार को सुनवाई के बाद कोर्ट ने 4 नवंबर की डेट तय की है।

Short Highlights
  • जवाब दाखिल करने के लिए 15 दिन का समय
  • बुलडोजर कार्रवाई पर 15 दिनों के लिए रोक

 

Bahraich News : बहराइच के महसी-महाराजगंज में हुई हिंसा और राम गोपाल मिश्रा की हत्या के बाद आरोपियों पर बुलडोजर कार्रवाई पर हाईकोर्ट ने 4 नवंबर तक रोक लगा दी है। लखनऊ बेंच ने बुधवार को इस मामले में दोनों पक्षों की सुनवाई की। कोर्ट ने सरकार और पीड़ितों को अपने-अपने साक्ष्य प्रस्तुत करने का समय दिया है, जो 4 नवंबर तक जारी रहेगा।

लखनऊ हाई कोर्ट में हुई सुनवाई
बहराइच के महारागंज के जिन 23 घरों में अतिक्रमण हटाने के लिए बुलडोजर चलाने का नोटिस चस्पा किया था। उस मामले में लखनऊ हाई कोर्ट में बुधवार को सुनवाई के बाद कोर्ट ने 4 नवंबर की डेट तय की है।

अगली सुनवाई तक बुलडोजर एक्शन पर रोक
बहराइच मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में बुधवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने दोनों पक्षों, सरकार और पीड़ितों को मामले में अपने-अपने साक्ष्य और दस्तावेज पेश करने के आदेश दिए हैं। मामले में अगली सुनवाई 4 नवंबर को होगी। तब तक बुलडोजर कार्रवाई पर रोक जारी रहेगी।

आरोपियों की याचिका पर आज SC में सुनवाई
बहराइच हिंसा के बाद प्रस्तावित बुलडोजर कार्रवाई पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। यह याचिका बहराइच सांप्रदायिक हिंसा मामले के तीन आरोपियों द्वारा पेश की गई है, जिसके खिलाफ ध्वस्तीकरण नोटिस जारी किया गया था। वरिष्ठ अधिवक्ता सी यू सिंह ने न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की पीठ के समक्ष मामले का जिक्र करते हुए तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया है। सुप्रीम कोर्ट बुधवार को इस मामले की सुनवाई करेगा।

इससे पहले बुलडोजर कार्रवाई पर 15 दिन की रोक
20 अक्टूबर को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बहराइच हिंसा के मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद समेत 23 लोगों के घरों और दुकानों पर पीडब्ल्यूडी द्वारा की गई बुलडोजर कार्रवाई पर 15 दिनों के लिए रोक लगा दी है। पीडब्ल्यूडी विभाग ने जिन 23 घरों और दुकानों पर नोटिस चिपकाया था, उन्हें जवाब दाखिल करने के लिए 15 दिन का समय दिया गया है। यह नोटिस सरकारी रास्ते पर अतिक्रमण हटाने को लेकर लगाया गया था, जिससे संबंधित मामलों की सुनवाई अब कोर्ट में होगी।

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