बहराइच हिंसा मामला : हाईकोर्ट ने ध्वस्तीकरण नोटिस पर 11 नवंबर तक लगाई रोक, यूपी सरकार से मांगा जवाब

UPT | प्रतीकात्मक फोटो

Nov 06, 2024 15:36

हराइच में 13 अक्टूबर को हुई हिंसा के बाद महाराजगंज क्षेत्र के कथित अतिक्रमणकारियों को जारी ध्वस्तीकरण नोटिसों को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ में सुनवाई हुई...

Prayagraj News : बहराइच में 13 अक्टूबर को हुई हिंसा के बाद महाराजगंज क्षेत्र के कथित अतिक्रमणकारियों को जारी ध्वस्तीकरण नोटिसों को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ में सुनवाई हुई। कोर्ट ने इस मामले में यूपी सरकार से चार अहम सवालों पर जवाब मांगा और नोटिस पर 11 नवंबर तक कोई भी कार्रवाई रोकने का आदेश दिया है। इससे कथित अतिक्रमणकर्ताओं को अस्थायी राहत मिली है।

कोर्ट ने यूपी सरकार से मांगा जवाब
कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि क्या ध्वस्तीकरण नोटिस जारी करने से पहले संबंधित क्षेत्र का सर्वेक्षण किया गया था ? क्या नोटिस प्राप्त करने वाले लोग उन परिसरों के स्वामी थे या नहीं ? इसके अलावा कोर्ट ने यह भी पूछा है कि क्या नोटिस जारी करने वाला प्राधिकारी अधिकृत था और क्या महाराजगंज में जिन निर्माणों को ढहाने के लिए नोटिस जारी किए गए वे वास्तव में अवैध थे? इन सवालों के जवाब देने के लिए राज्य सरकार को कोर्ट ने निर्देश दिए हैं। साथ ही याचिकाकर्ता को इन जवाबों पर आपत्तियां दाखिल करने का समय दिया गया है। अगली सुनवाई 11 नवंबर को होगी। जब इन मुद्दों पर अंतिम फैसला लिया जाएगा।



राज्य सरकार का जवाब 
इस मामले में राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता विनोद शाही और स्थायी अधिवक्ता शैलेंद्र कुमार सिंह ने कोर्ट में पेश होकर जवाब दिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने कानून के तहत ही कार्रवाई की है और आगे भी ऐसे ही कदम उठाए जाएंगे जो पूरी तरह से कानून सम्मत होंगे।

यह है मामला
बहराइच के महाराजगंज में 13 अक्टूबर को मूर्ति विसर्जन के दौरान हिंसा भड़क गई थी। इस हिंसा में रामगोपाल मिश्रा की हत्या हो गई  थी। इसके बाद स्थिति और तनावपूर्ण हो गई। जिसके बाद प्रशासन ने क्षेत्र के कथित अतिक्रमणकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई शुरू की। प्रशासन ने तब इन अतिक्रमणकर्ताओं के निर्माणों को ढहाने की नोटिस जारी किए थे। जिसे चुनौती देते हुए इस जनहित याचिका को दायर किया गया। हाईकोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार से जवाब मांगा है और आगामी सुनवाई में इस पर निर्णय लिया जाएगा। 

अगली सुनवाई और सरकार की तैयारी
कोर्ट ने हालांकि इस मामले में फिलहाल कोई अंतरिम आदेश नहीं दिया है, लेकिन 11 नवंबर तक कोई भी ध्वस्तीकरण कार्रवाई पर रोक लगा दी है। राज्य सरकार को अब इन सवालों के जवाब देने के लिए वक्त मिल गया है और अगले सप्ताह होने वाली सुनवाई में सभी पक्षों को अपना पक्ष रखना होगा। इस बीच उत्तर प्रदेश के प्रशासन और स्थानीय नेताओं की निगाहें अदालत के फैसले पर रहेंगी, जो भविष्य में इस मामले की दिशा तय करेगा।

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