बलरामपुर से बेचैन करने वाली खबर : परिजनों के पास गांव लाने के नहीं थे पैसे, आठ घंटे तक सड़क पर पड़ा रहा शव

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Oct 26, 2024 14:45

बलरामपुर जिले के देवनगर के निवासी विनोद चौधरी की मौत के बाद उनका शव आठ घंटों तक सड़क पर पड़ा रहा।स्टेट के महाप्रबंधक ने निजी वाहन की व्यवस्था करके शव को गांव भिजवाया।

Balrampur News : बलरामपुर जिले से एक ऐसी घटना सामने आई है जो समाज की वर्तमान स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े करती है। हरैया के देवनगर के निवासी विनोद चौधरी का जीवन गरीबी से संघर्ष करते हुए बीता और उनकी मृत्यु के बाद भी यह संघर्ष जारी रहा। शुक्रवार की सुबह लगभग पांच बजे यतीमखाना मोहल्ले की एक दुकान के सामने उनका देहांत हो गया लेकिन आर्थिक तंगी के कारण आठ घंटों तक उनका पार्थिव शरीर वहीं पड़ा रहा।



आठ घंटों तक सड़क पर पड़ा रहा शव
मृत्यु के बाद परिवार को सूचना दी गई लेकिन 40 किलोमीटर दूर स्थित पैतृक गांव से शव को लाने के लिए पैसे नहीं थे। पैसों की तंगी के कारण आठ घंटों तक शव सड़क पर पड़ा रहा। जब तक बलरामपुर स्टेट के महाप्रबंधक कर्नल आर.के. मोहंता को इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने तुरंत एक निजी वाहन की व्यवस्था करके शव को गांव भिजवाया।

स्टेट महाप्रबंधक ने की मदद
ग्राम प्रधान राजा राम ने बताया कि परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी दयनीय है कि शव को लाने के लिए भी उनके पास पैसे नहीं थे। उन्होंने वाहन की व्यवस्था करने का प्रयास किया लेकिन तब तक बलरामपुर स्टेट की पहल पर शव को गांव भेज दिया गया था। गांव पहुंचने पर विनोद के अंतिम संस्कार की तैयारी की गई।

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गुजरात से गांव लौटने की मजबूरी
विनोद की पत्नी नासिया ने बताया कि पांच वर्ष पूर्व नासिया से विवाह के बाद वे बेहतर जीवन की तलाश में गुजरात चले गए थे। उनकी तीन साल की एक बच्ची भी थी। विनोद जब बीमार पड़े तो चार महीने पहले परिवार वापस अपने गांव लौट आया। बहन के घर शंकरपुर में रहकर इलाज करवाया गया लेकिन स्थिति में सुधार नहीं हुआ। जिला मेमोरियल अस्पताल में भर्ती होने से इनकार करने के बाद वे यतीमखाना मोहल्ले की एक चौकी पर रहने लगे। इस दौरान मोहल्ले के लोगों ने सहानुभूति दिखाते हुए विनोद को खाना और नाश्ता प्रदान किया।

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