Gonda News : भाजपा नेता पर फर्जी डिग्री से नौकरी और आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप

UPT | गनर के साथ भाजपा नेता राजकुमार दुबे।

Nov 12, 2024 10:14

गोंडा जिले में भाजपा नेता राजकुमार दुबे पर गंभीर आरोप लगे हैं। आरोप है कि वह फर्जी डिग्री के आधार पर अनुदानित विद्यालय में नौकरी करके सरकारी धन का दुरुपयोग कर रहे हैं। इसके साथ ही सरकारी अनुचर होते हुए भी भाजपा के...

Gonda News : गोंडा जिले में भाजपा नेता राजकुमार दुबे पर गंभीर आरोप लगे हैं। आरोप है कि वह फर्जी डिग्री के आधार पर अनुदानित विद्यालय में नौकरी करके सरकारी धन का दुरुपयोग कर रहे हैं। इसके साथ ही सरकारी अनुचर होते हुए भी भाजपा के जिला कार्यसमिति का सदस्य बनने का भी आरोप है। इस मामले को लेकर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी और देवी पाटन के मंडलायुक्त ने जांच के आदेश दिए हैं।

हाजिरी का झूठा रिकॉर्ड 
शिवकुमार तिवारी नाम के एक शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि राजकुमार दुबे ने फर्जी कूटरचित डिग्री के सहारे बालक भगवान लघु माध्यमिक विद्यालय भट्टपुरवा में अनुचर के पद पर नौकरी प्राप्त की। तिवारी का कहना है कि दुबे कभी भी विद्यालय में नहीं जाते और न ही अपनी हाजिरी लगाते हैं। बावजूद इसके उन्हें जिला कोषागार से 60,000 रुपये से अधिक की सैलरी मिल रही है। तिवारी का आरोप है कि दुबे अपनी हाजिरी का झूठा रिकॉर्ड बनवाकर पैसे की हेराफेरी कर रहे हैं, जबकि उनका पूरा ध्यान राजनीति में लगा रहता है।

100 बीघा जमीन और करोड़ों की संपत्ति
शिकायत में यह भी कहा गया है कि राजकुमार दुबे ने सरकारी धन का गलत तरीके से उपयोग किया है और सरकारी कर्मचारी होते हुए भी सुरक्षा गार्ड लिया है, जो नियमों के खिलाफ है। तिवारी ने आरोप लगाया कि दुबे के पास तीन-तीन लग्जरी गाड़ियां, 100 बीघा जमीन और करोड़ों रुपये की संपत्ति है। जबकि उनकी सैलरी 60,000 रुपये प्रति माह है। इन संपत्तियों का स्रोत पूरी तरह से काले धन से जुड़ा हुआ है, जिस पर गहरी जांच की आवश्यकता है। सोशल मीडिया पर एक तस्वीर भी वायरल हो रही है, जिसमें दुबे को गनर के साथ देखा जा रहा है। जबकि उनके पास किसी भी तरह की सरकारी सुरक्षा का कोई आदेश नहीं है। इस मामले में पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल ने भी जांच के आदेश दिए हैं।

क्या कहते हैं बीएसए
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अतुल कुमार तिवारी ने कहा कि इस मामले की जांच खंड शिक्षा अधिकारी इटियाथोक को सौंप दी गई है। उन्हें सभी अभिलेख जुटाने के निर्देश दिए गए हैं, लेकिन अब तक अभिलेख प्राप्त नहीं हुए हैं। आय से अधिक संपत्ति की जांच जिलाधिकारी के माध्यम से होगी। इस मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है। अगर फर्जी दस्तावेजों के सहारे इन्होंने नौकरी हासिल की है तो विधिक कार्रवाई के साथ वेतन रिकवरी की भी प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

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