Gonda News : मानव तस्करी केस में तीन माह बाद भी कार्रवाई नहीं, 16 नाबालिगों से जुड़ा है मामला...

UPT | रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर दो से मुक्त कराई गईं 16 नाबालिग लड़कियां।

Nov 11, 2024 12:47

गोंडा जिले में 29 जुलाई को रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 2 से मुक्त कराए गए 16 नाबालिगों के मामले में मानव तस्करी का मामला सामने आया था। इस घटना के बाद 31 जुलाई को बचपन बचाओ आंदोलन के प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर देशराज...

Gonda News : गोंडा जिले में 29 जुलाई को रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 2 से मुक्त कराए गए 16 नाबालिगों के मामले में मानव तस्करी का मामला सामने आया था। इस घटना के बाद 31 जुलाई को बचपन बचाओ आंदोलन के प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर देशराज सिंह की शिकायत पर एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ने स्मार्ट वैल्यू संस्था और उसके तीन महिला कर्मचारियों खुशबू रानी, रोशनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। हालांकि तीन महीने का समय बीतने के बावजूद गोंडा पुलिस ने इस गंभीर मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है, जिससे सवाल उठने लगे हैं।

क्या है पूरा मामला
गोंडा नगर कोतवाली पुलिस ने इस मामले की जांच अपने पास लेने के बाद अब तक किसी भी आरोपी के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया है। मुकदमा दर्ज होने के बाद ये जानकारियां सामने आ रही हैं कि पुलिस ने इस मामले में कोई प्रभावी कार्रवाई शुरू नहीं की है। इस अनिश्चितता से बेखौफ होकर स्मार्ट वैल्यू संस्था ने हाल ही में एक इंटर कॉलेज में नौकरी का झांसा देकर 100 से ज्यादा लोगों से ठगी की। गौरतलब है कि 29 जुलाई को आरपीएफ और सीआईबी की टीम ने गोंडा रेलवे स्टेशन से 15 नाबालिग लड़कियों और एक नाबालिग लड़के को रेस्क्यू किया था। 

क्या कहते हैं मुूक्त कराए गए नाबालिग
इन नाबालिगों से पूछताछ के बाद चाइल्डलाइन गोंडा को सुपुर्द कर दिया गया था। इन बच्चों ने पूछताछ में बताया कि उन्हें स्मार्ट वैल्यू संस्था द्वारा बिहार भेजने की योजना बनाई गई थी, जहां उन्हें नौकरी और प्रशिक्षण देने का वादा किया गया था। इस मामले में मानव तस्करी के संकेत मिलने पर एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ने जांच शुरू की थी। एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट के प्रभारी ने बताया कि मामले में पुलिस ने जांच शुरू की थी। जांच में मानव तस्करी से जुड़े गंभीर पहलू सामने आए थे। 

कुछ भी कहने से बच रहे अधिकारी
हालांकि, अब यह मामला नगर कोतवाली पुलिस के पास है, लेकिन उसने कोई स्पष्ट कार्रवाई नहीं की है। पुलिस अधिकारी इस मामले में कुछ भी कहने को तैयार नहीं हैं, और इस मामले में कोई ठोस अपडेट नहीं दे पाए हैं। मानव तस्करी जैसे गंभीर मामले में कार्रवाई न होने से अब लोगों में गहरा आक्रोश है। लोगों का कहना है कि जब मारपीट जैसी सामान्य धाराओं में मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस तेजी से कार्रवाई करती है, तो ऐसे गंभीर अपराध में ढिलाई क्यों बरती जा रही है। अब यह देखना होगा कि गोंडा पुलिस जल्द इस मामले में किस दिशा में आगे बढ़ती है और आरोपियों के खिलाफ क्या कदम उठाती है।

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