रिश्वतखोर लेखपाल निलंबित : जमीन पट्टा दिलाने के नाम पर कर रहा था ठगी, डीएम ने दिए जांच के आदेश

UPT | प्रतीकात्मक फोटो

Sep 26, 2024 10:47

गोंडा जिले में सरकारी जमीन के पट्टे दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले लेखपाल राजकुमार को डीएम नेहा शर्मा के निर्देश पर तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई एसडीएम मनकापुर द्वारा की गई।

Gonda News : गोंडा जिले में सरकारी जमीन के पट्टे दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले लेखपाल राजकुमार को डीएम नेहा शर्मा के निर्देश पर तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई एसडीएम मनकापुर द्वारा की गई। जिसमें आरोपी लेखपाल को विभागीय जांच का सामना करना होगा। निलंबन के दौरान, लेखपाल को मनकापुर तहसील के आर.के. कार्यालय से संबद्ध किया गया है। इस मामले में कमिश्नर देवीपाटन मंडल, शशि भूषण लाल सुशील ने भी गोंडा के जिलाधिकारी को तुरंत कार्रवाई करने और 10 दिनों के भीतर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए थे।

जमीन के पट्टे के नाम पर धोखाधड़ी
यह पूरा मामला गोंडा जिले की मनकापुर तहसील के अंतर्गत आने वाले शुकुलपुर गांव की है, जहां की निवासी मुन्नी देवी ने सरकारी जमीन पर पट्टा दिलाने के लिए लेखपाल राजकुमार से संपर्क किया था। लेखपाल ने पीड़िता से जमीन पट्टा दिलाने के नाम पर 1.63 लाख रुपये की रिश्वत मांगी और यह रकम मुन्नी देवी से ले भी ली। लेखपाल ने सरकारी जमीन का फर्जी पट्टा प्रमाण पत्र बनाकर पीड़िता को सौंप दिया, जिससे वह पूरी तरह से धोखा खा गईं।
जब मुन्नी देवी को यह जानकारी मिली कि जो दस्तावेज उसे दिए गए हैं, वह फर्जी हैं, तो उन्होंने लेखपाल से अपनी रकम वापस मांगी। परंतु लेखपाल ने पैसे लौटाने से मना कर दिया। इस ठगी और धोखाधड़ी से परेशान मुन्नी देवी ने कमिश्नर देवीपाटन मंडल के पास अपनी शिकायत दर्ज कराई।

कमिश्नर ने लिया मामले का संज्ञान
पीड़िता की शिकायत के बाद कमिश्नर शशि भूषण लाल सुशील ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए डीएम नेहा शर्मा को तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश दिए। कमिश्नर ने जिला प्रशासन को निर्देशित किया कि लेखपाल द्वारा की गई ठगी की पूरी जांच 10 दिनों के अंदर पूरी की जाए। इस निर्देश के तहत मुख्य राजस्व अधिकारी को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया। जांच शुरू होने से पहले ही लेखपाल राजकुमार को दोषी पाया गया, जिसके बाद डीएम नेहा शर्मा ने उसे निलंबित करने के आदेश दिए।

लेखपाल पर लगे आरोप
लेखपाल राजकुमार पर लगे आरोप बेहद गंभीर हैं। 1.63 लाख रुपये की रिश्वत लेना और उसके बदले में फर्जी दस्तावेज तैयार करना एक बड़ा अपराध है।  शुरुआती जांच में दोषी पाए जाने के बाद लेखपाल को निलंबित कर दिया गया है। अब इस मामले में विभागीय जांच होगी और जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार के मामलों में कोई ढील नहीं
जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने स्पष्ट किया है कि रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार के मामलों में किसी प्रकार की ढील नहीं दी जाएगी। जांच पूरी होने के बाद यदि लेखपाल के खिलाफ ठोस सबूत मिलते हैं, तो उसके खिलाफ कानूनी और प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी। इस मामले से जुड़े सभी पहलुओं की जांच की जा रही है, और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि दोषियों को सजा मिले।

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