बृजभूषण मामले में नया मोड़ : पूर्व सांसद ने दिल्ली हाईकोर्ट का किया रुख, FIR और आरोप पत्र रद्द करने की मांग

UPT | बृजभूषण शरण सिंह

Aug 28, 2024 21:18

भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने महिला पहलवानों से जुड़े कथित यौन शोषण मामलों के संबंध में दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया है...

Gonda News : भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने महिला पहलवानों से जुड़े कथित यौन शोषण मामलों के संबंध में दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया है। बृजभूषण शरण सिंह ने अपने खिलाफ चल रही आपराधिक कार्यवाही को रद्द करने की मांग करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। उन्होंने एफआईआर, आरोप पत्र और आरोपी पर दिए गए आदेश को रद्द करने की अपील की है। कल बृजभूषण शरण सिंह की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई होगी।

10 सितंबर को होगी सुनवाई
दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने महिला पहलवानों से जुड़े मामले में ट्रायल शुरू कर दिया है और अभियोजन पक्ष के दो गवाहों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं। पीड़िताओं के बयान दर्ज करने के लिए नोटिस जारी किया गया है। आगामी सुनवाई 10 सितंबर को होगी, जिसमें महिला पहलवानों के बयान 10, 12 और 13 सितंबर को राऊज एवेन्यू कोर्ट की एडिशनल चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट प्रियंका राजपूत के सामने अलग कमरे में रिकॉर्ड किए जाएंगे।



बृजभूषण के वकील ने की थी मांग
बृजभूषण शरण सिंह के वकील ने 24 अगस्त को सुनवाई के दौरान मामले का विरोध करते हुए महिला पहलवानों के बयान सीधे वकील के सामने दर्ज करने की मांग की थी। हालांकि, कोर्ट ने इस मांग को अस्वीकार कर दिया और महिला पहलवानों के बयान अलग कमरे में दर्ज करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने इन गवाहों को कमजोर मानते हुए उनके बयान अलग से रिकॉर्ड करने का निर्णय लिया।

बृजभूषण को दिल्ली हाईकोर्ट से उम्मीद
वही कैसरगंज से पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने बताया कि हमने दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट में चल रही पूरी कार्यवाही के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया है। हमने पूरे मामले को रद्द करने की मांग की है  क्योंकि यह जो भी आरोप लगाए गए हैं, यह पूरी तरीके से निराधार हैं।  इसमें कोई सच्चाई नहीं है केवल मुझे परेशान करने का प्रयास कुछ षड्यंत्रकारी लोगों ने किया था। कल मेरी याचिका पर दिल्ली की हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। मुझे उम्मीद है कि इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट एक ऐतिहासिक निर्णय देगा।

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