गोंडा रेल हादसे में एक यात्री अब भी लापता : डीएम ने रेलवे को दिया आदेश, 9 अधिकारियों समेत 70 लोगों की टीम तलाश में जुटी

UPT | गोंडा रेल हादसे में एक यात्री अब भी लापता

Jul 25, 2024 17:09

गोंडा रेल हादसे में एक नया मोड़ आया है जब चंडीगढ़ से सवार एक यात्री के लापता होने की खबर सामने आई। 18 जुलाई को गोंडा-मनकापुर रेलखंड पर चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस के पटरी से उतरने से चार लोगों की मृत्यु हो गई थी और 33 घायल हुए थे।

Short Highlights
  • गोंडा रेल हादसे में एक यात्री अब भी लापता
  • 70 लोगों की टीम तलाश में जुटी
  • पीड़ित परिवार के साथ संपर्क में रेलवे
Gonda News : गोंडा रेल हादसे में एक नया मोड़ आया है जब चंडीगढ़ से सवार एक यात्री के लापता होने की खबर सामने आई। 18 जुलाई को गोंडा-मनकापुर रेलखंड पर चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस के पटरी से उतरने से चार लोगों की मृत्यु हो गई थी और 33 घायल हुए थे। अब, एक और यात्री रामधन के लापता होने की शिकायत उसकी मां रामा देवी ने की है।

विशेष संयुक्त जांच टीम का गठन
ले को गंभीरता से लेते हुए, जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने मंडल रेल प्रबंधक (पूर्वोत्तर रेलवे) लखनऊ को लापता यात्री की खोज और आवश्यक कार्रवाई की सिफारिश की है। इसके प्रतिक्रिया में, सहायक सुरक्षा आयुक्त (रेलवे सुरक्षा बल) राजीव उपाध्याय ने एक विशेष संयुक्त जांच टीम का गठन किया है। यह टीम नौ वरिष्ठ अधिकारियों के नेतृत्व में कुल 70 अधिकारियों और कर्मचारियों से मिलकर बनी है। इसमें स्थानीय पुलिस, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ लखनऊ, रेलवे इंजीनियरिंग विभाग, रेलवे सुरक्षा बल, और चिकित्सा स्टाफ शामिल हैं। टीम को विशेष उपकरणों और संसाधनों से लैस किया गया है ताकि व्यापक खोज अभियान चलाया जा सके।

शासन और रेलवे बोर्ड को भेजी जाएगी रिपोर्ट
जांच टीम न केवल लापता यात्री की तलाश करेगी, बल्कि पूरी घटना की गहन जांच भी करेगी। टीम की रिपोर्ट उत्तर प्रदेश शासन और रेलवे बोर्ड को भेजी जाएगी, जिससे भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा सकें। रेलवे अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि वे मामले की पूरी जांच करेंगे और लापता यात्री को खोजने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। इस बीच, स्थानीय प्रशासन और रेलवे अधिकारी पीड़ित परिवार के साथ संपर्क में हैं और उन्हें हर संभव सहायता प्रदान कर रहे हैं।

दुर्घटना के कारण तलाश रही एजेंसियां
गोंडा में हुई चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस दुर्घटना ने सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों के सामने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। रेलवे अधिकारियों ने जलजमाव के कारण पटरी धंसने की संभावना को खारिज कर दिया है, और जांच का मुख्य फोकस लोको पायलट द्वारा इमरजेंसी ब्रेक लगाने पर है। यह तथ्य कि इस ट्रेन से महज 25 मिनट पहले जननायक एक्सप्रेस बिना किसी समस्या के उसी मार्ग से गुजरी थी, मामले को और रहस्यमय बना देता है। विशेष रूप से चिंताजनक है कि केवल यात्री बोगियां पलटीं, जबकि इंजन, सामान ब्रेक, जेनरेटर कार और गार्ड के डिब्बे को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। स्थानीय लोगों और लोको पायलट द्वारा सुने गए धमाके की रिपोर्ट ने एटीएस को भी जांच में शामिल होने के लिए प्रेरित किया है। हालांकि, अधिकारी अभी कोई निश्चित बयान देने से बच रहे हैं और रेल संरक्षा आयुक्त प्रणजीव सक्सेना की आधिकारिक जांच का इंतजार कर रहे हैं, जो 21 जुलाई से शुरू होने वाली है।

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