Gonda News : अस्पताल के निरीक्षण में महिला आयोग को मिलीं गंभीर खामियां, सुधार के दिए निर्देश

UPT | मरीज की बाहर से कराई गई जांच रिपोर्ट देखतीं महिला आयोग की उपाध्यक्ष।

Nov 06, 2024 23:56

निरीक्षण के दौरान उपाध्यक्ष ने पाया कि अस्पताल में इलाज के लिए आई लगभग 95% महिलाओं के हाथों में बाहर से लिखी गई दवाइयाँ और जांच रिपोर्टें थीं। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं ने अस्पताल की आशा बहू पर रिश्वत लेने का आरोप भी लगाया है।

Gonda News : गोंडा जिले में यूपी राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष चारु चौधरी और सदस्य ऋतु शाही ने जिला महिला अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान कई गंभीर लापरवाहियाँ सामने आईं, जिन्हें देख उपाध्यक्ष ने अस्पताल प्रशासन को कड़े निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान यह देखा गया कि इलाज के लिए आई लगभग 95% महिलाओं के हाथों में बाहर से लिखी गई दवाइयाँ और जांच रिपोर्टें थीं, जिससे अस्पताल की व्यवस्था पर सवाल खड़े होते हैं।

गर्भवती महिलाओं से वसूली पर जताई नाराजगी
निरीक्षण में गर्भवती महिलाओं ने अस्पताल की आशा बहुओं पर रिश्वत लेने का आरोप लगाया। महिलाओं का कहना था कि अस्पताल में मौजूद आशा बहुएं उनसे बाहरी लैब में जांच कराने के नाम पर पैसों की मांग करती हैं। इसके चलते महिलाओं को अतिरिक्त आर्थिक बोझ सहना पड़ता है। महिला आयोग की उपाध्यक्ष ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए अस्पताल प्रशासन को सख्त निर्देश दिए कि इस तरह की अव्यवस्था पर रोक लगाई जाए। साथ ही दोषी आशा बहुओं के खिलाफ जांच कर आवश्यक कार्रवाई करने का आदेश भी दिया गया।

खराब लिफ्ट और स्टाफ की कमी बनी बाधा
निरीक्षण के दौरान अस्पताल में लिफ्ट खराब मिली, जिसके कारण गर्भवती महिलाओं को सीढ़ियों का सहारा लेना पड़ रहा था। उपाध्यक्ष ने लिफ्ट को शीघ्र ठीक कराने के निर्देश दिए ताकि मरीजों को कोई असुविधा न हो। इसके अलावा अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट और नर्सिंग स्टाफ की कमी पर भी चिंता जताई गई। चारु चौधरी ने कहा कि स्टाफ की कमी के कारण मरीजों को सही समय पर इलाज नहीं मिल पा रहा है, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है। उन्होंने अस्पताल में अधिक नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती के लिए भी अधिकारियों को निर्देशित किया।



बाहरी दवाइयों और जांचों पर लगी नजर
महिला आयोग की टीम ने यह भी पाया कि अधिकतर मरीजों को अस्पताल के बजाय बाहर से दवाइयाँ और जांच कराने की सलाह दी जा रही है। महिलाओं के पास बाहरी दवाइयों की पर्चियाँ देख कर उपाध्यक्ष ने इस व्यवस्था पर कड़ी आपत्ति जताई और कहा कि यह स्थिति अस्पताल की जिम्मेदारियों में लापरवाही को दर्शाती है। उन्होंने अस्पताल प्रशासन को निर्देश दिए कि अस्पताल के अंदर ही सभी आवश्यक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं ताकि मरीजों को बाहर न जाना पड़े और उनकी आर्थिक स्थिति पर भी असर न पड़े।

दोषियों पर होगी कार्रवाई, सुधार के लिए उठेंगे कदम
महिला आयोग ने अस्पताल में सुधार के लिए तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता पर जोर दिया। चारु चौधरी ने अस्पताल प्रशासन को कड़ी चेतावनी दी कि स्वास्थ्य सेवाओं में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि दोषी कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी और सुनिश्चित किया जाएगा कि अस्पताल में आने वाले सभी मरीजों को समय पर और उचित चिकित्सा सुविधाएं मिलें।

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