देवरिया में बड़ी लापरवाही : नगर पालिका से फाइलें गायब, टैक्सेशन में हुआ गड़बड़झाला

UPT | नगर पालिका परिषद देवरिया

Feb 23, 2024 14:00

नगर पालिका परिषद देवरिया में गड़बड़ियों की परत खुलती जा रही है। नया मामला बड़े भवनों के टैक्सेशन से जुड़ा है। राजस्व अनुभाग से हाॅस्पिटल, मैरेज हाउस और बड़े काॅम्पलेक्स की फाइलें गायब हो गई हैं।

Short Highlights
  • इधर-उधर की बात कर रहे हैं टैक्स इंस्पेक्टर
  • कर्मचारियों ने बड़े कामर्शियल भवनों की दबा दी हैं फाइलें
Deoria News : नगर पालिका परिषद देवरिया में गड़बड़ियों की परतें खुलती जा रही हैं। नया मामला बड़े भवनों के टैक्सेशन से जुड़ा है। राजस्व अनुभाग से हाॅस्पिटल, मैरेज हाउस और बड़े काॅम्पलेक्स की फाइलें गायब हो गई हैं। एक साल से इन पत्रावलियों को ढूंढा जा रहा है। फाइलों के बारे में कर निर्धारण अधिकारी के पूछने पर कोई कर्मचारी स्पष्ट जवाब नहीं दे पा रहा है। सभी इधर-उधर की बात कर रहे हैं। कर निर्धारण अधिकारी ने इस मामले में टैक्स इंस्पेक्टरों से  जवाब-तलब किया है।

खुलेगी गड़बड़ी की पोल
सूत्रों की मानें तो बड़े कामर्शियल भवनों के टैक्सेशन में खेल किया गया है। तमाम हाॅस्पिटल, मैरेज हाउस और काॅम्पलेक्स ऐसे हैं, जिनका गृहकर-जलकर मानक से बेहद कम लगाया गया है। कर निर्धारण अधिकारी की जांच में ऐसे कई मामले उजागर भी हो चुके हैं। यही कारण है कि कर्मचारियों ने बड़े कामर्शियल भवनों की फाइलें दबा दी हैं।

 निवर्तमान ईओ साथ ले गए फाइलें! 
फाइलें गायब होने के संबंध में कर निर्धारण अधिकारी ने टैक्स इंस्पेक्टरों से जवाब-तलब किया है। जारी किए गए नोटिस में करीब एक साल से हॉस्पिटल, मैरेज हाउस, बड़े कॉम्पलेक्स की पत्रावली मांगी जा रही है, परंतु जवाब मिलता है कि पत्रावली निवर्तमान ईओ साहब अपने पास रखे हैं। लेकिन, निवर्तमान ईओ साहब को गए हुए लगभग 20 दिन हो गए हैं। हालांकि, संज्ञान में है कि सारी पत्रावलियों को राजस्व निरीक्षक और डिमांड लिपिक को वापस करके गए हैं। परन्तु, अभी भी पत्रावली मांगने पर इधर-उधर की बातें की जा रही हैं।

क्या बोले राजस्व निरीक्षक
बड़े कमर्शियल भवनों की फाइलें गायब होने के मामले में राजस्व निरीक्षकों का कहना है कि फाइलों का कस्टोडियन लिपिक होता है। हमें सिर्फ स्थलीय आख्या के लिए फाइलें उपलब्ध होती हैं। एक सप्ताह के भीतर हम लोग फाइल लिपिक को सौंप देते हैं। फाइलों के बारे में कर निर्धारण अधिकारी को लिपिकों से पूछना चाहिए। हमें अभी तक किसी भी प्रकार का नोटिस नहीं मिला है।

इधर-उधर की बात कर रहे हैं टैक्स इंस्पेक्टर
कर निर्धारण अधिकारी शशिकला ने बताया कि बड़े कामर्शियल भवनों के टैक्सेशन की फाइलें पिछले एक साल से मांगी जा रही हैं। अब इन भवनों के टैक्सेशन में बड़ी गड़बड़ी होने की आशंका है। क्योंकि इस संंबंध में कुछ भी पूछने पर टैक्स इंस्पेक्टर और लिपिक इधर-उधर की बात कर रहे हैं। संबंधित टैक्स इंस्पेक्टर तीन दिन के भीतर साक्ष्य सहित स्पष्टीकरण नहीं देते हैं तो कार्रवाई की जाएगी। 

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