गोरखपुर से एक महत्वपूर्ण समाचार सामने आया है, जहां गीता प्रेस ने अग्नि पुराण, वामन पुराण और वराह पुराण को गुजराती भाषा में प्रकाशित किया है। इससे पहले तक गुजराती भाषी लोग इन्हें हिंदी में ही पढ़ते थे, लेकिन अब वे इन तीनों पुराणों को अपनी भाषा में पढ़ सकेंगे।