Gorakhpur News : कैंसर सर्जरी के साथ पहली बार लाइव चली एनाटॉमी की क्लास, चुनिंदा इंस्टिट्यूट में शामिल हुआ एमजीयूजी

UPT | एमबीबीएस के पहले बैच के विद्यार्थियों के लिए एक लाइव एनाटॉमी कक्षा भी आयोजित की गई

Nov 21, 2024 14:45

पूर्वी उत्तर प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की गई है। महायोगी गोरक्षनाथ विश्वविद्यालय के अधीन संचालित गुरु गोरक्षनाथ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज ने एक अभूतपूर्व चिकित्सकीय कार्य किया है, जो देश में अपनी तरह का विशिष्ट उदाहरण बन गया है।

Gorakhpur News : महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय में संचालित गुरु गोरक्षनाथ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज देश के उन चुनिंदा इंस्टीट्यूट में शामिल हो गया है, जहां कैंसर की मॉडिफाइड रेडिकल मास्टेक्टॉमी (एमआरएम) सर्जरी सफलतापूर्वक की गई। यही नहीं, इस इंस्टीट्यूट में कैंसर की एमआरएम सर्जरी के साथ विश्व प्रसिद्ध कैंसर सर्जन डॉ. संजय माहेश्वरी द्वारा एमबीबीएस विद्यार्थियों के लिए एनाटॉमी की लाइव क्लास भी चलाई गई और उनकी जिज्ञासाओं का समाधान किया गया। जटिल सर्जरी के साथ एनाटॉमी की लाइव क्लास का संचालन विश्व में संभवतः पहली बार किया गया।

कैंसर पीड़ित महिला की तीन घंटे तक चली सर्जरी  
एमपी बिरला ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स के मेडिकल डायरेक्टर और दुनिया के जाने-माने कैंसर सर्जन डॉ. संजय माहेश्वरी और उनकी पत्नी कैंसर सर्जन डॉ. रेखा माहेश्वरी की चिकित्सकीय सेवाएं गुरु गोरक्षनाथ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के जरिये प्रतिमाह पूर्वी उत्तर प्रदेश के कैंसर रोगियों को मिलने लगी हैं। गत दिवस डॉ. संजय माहेश्वरी और रेखा माहेश्वरी ने इस इंस्टीट्यूट में रोगियों की जांच और परामर्श देने के साथ एक 52 वर्षीय कैंसर पीड़ित महिला की सफल मॉडिफाइड रेडिकल मास्टेक्टॉमी सर्जरी की। यह सर्जरी तीन घंटे से अधिक समय तक चली। 


सर्जरी के बाद रहती है झुनझुनी की शिकायत
डॉ. संजय माहेश्वरी ने बताया कि मॉडिफाइड रेडिकल मास्टेक्टॉमी में स्तन का पूरा भाग जिसमें एरियल (निप्पल के चारों तरफ की डार्क त्वचा), निप्पल नोड एवं अंडर आर्म के नीचे के कुछ हिस्सों को काट कर निकाला जाता है। यह पद्धति कैंसर के व्यापक चिकित्सकीय प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह विधि क्लासिकल रेडिकल मास्टेक्टॉमी, जिसे कभी कैंसर का इलाज माना जाता था कि तुलना में कम कठोर ऑपरेशन है। सर्जरी के बाद मरीज को दो से तीन दिन तक बांह के नीचे दर्द या खिंचाव और उस जगह झुनझुनी की शिकायत रहती है। यह समस्या कुछ ही दिनों में ठीक हो जाती है।

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विद्यार्थियों को कैंसर प्रभावित अंग की संरचना को समझाया 
डॉ. संजय माहेश्वरी ने बताया कि महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय में संचालित गुरु गोरक्षनाथ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के शानदार इंफ्रास्ट्रक्चर के चलते उन्होंने एमबीबीएस फर्स्ट बैच के विद्यार्थियों के लिए एनाटॉमी की क्लास भी लाइव चलाई। संभवतः पूरी दुनिया में एनाटॉमी की लाइव क्लास कैंसर की इस तरह की सर्जरी के साथ चलाई गई है। इस दौरान एमबीबीएस फर्स्ट बैच के विद्यार्थियों को कैंसर प्रभावित अंग की संरचना की बारीकियों को समझाया गया और पढ़ाई के शुरुआती दौर में ही उन्हें सर्जरी से जुड़ी गहन जानकारी भी दी गई। डॉ. माहेश्वरी सर्जरी करने के दौरान विद्यार्थियों से लगातार संवाद करते रहे और उनके सभी सवालों का भी जवाब दिया।
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