कैप्टन अंशुमान सिंह को मरणोपरांत मिला कीर्ति चक्र : सियाचिन में हुए थे शहीद, जानिए उस दिन क्या हुआ था

UPT | कैप्टन अंशुमान सिंह को मरणोपरांत मिला कीर्ति चक्र

Jul 07, 2024 01:02

देवरिया के रहने वाले भारतीय सेना में कैप्टन अंशुमान सिंह को उनकी वीरता के लिए मरणोपरांत कीर्ति चक्र दिया गया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों ये पुरस्कार शहीद कैप्टन की पत्नी स्मृति ने स्वीकार किया।

Short Highlights
  • साथियों को बचाते हुए शहीद हुए थे कैप्टन
  • हादसे से पहले ही मिली थी तैनाती
  • पिता भी थे सेना में सूबेदार
Deoria News : देवरिया के रहने वाले भारतीय सेना में कैप्टन अंशुमान सिंह को उनकी वीरता के लिए मरणोपरांत कीर्ति चक्र दिया गया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों ये पुरस्कार शहीद कैप्टन की पत्नी स्मृति ने स्वीकार किया। इस पल के दौरान वे बेहद भावुक थीं। जब स्मृति कीर्ति चक्र लेने पहुंचीं, तो पूरे देश की आंखें नम थी। कैप्टन अंशुमान सिंह की शहादत को याद कर देश ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी।

साथियों को बचाते हुए शहीद हुए थे कैप्टन
कैप्टन अंशुमान सिंह 19 जुलाई 2023 को सियाचिन में शहीद हो गए थे। दरअसल 19 जुलाई को 17 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित सियाचिन ग्लेशियर पर सेना के बंकर में आग लग गई थी। इस दौरान तेज हवा के कारण आग फैलती जा रही थी। अंशुमान सिंह पंजाब रेजीमेंट की 26वीं बटालियन के कैप्टन थे। उन्होंने अपने 4 साथियों को बंकर से सुरक्षित बाहर निकाला, लेकिन इस कोशिश में वह खुद आग की चपेट में आ गए। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी।
 
पिता भी थे सेना में सूबेदार
कैप्टन अंशुमान सिंह के पिता रवि प्रताप सिंह भी सेना में सूबेदार थे। अंशुमान अपने तीन भाई-बहनों में सबसे छोटे थे। अंशुमान की शुरुआती पढ़ाई राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल चैल, हिमाचल प्रदेश स्थित एक आवासीय विद्यालय से हुई थी। इसी दौरान उनके मन में सशस्त्र बलों के लिए प्रेम उमड़ने लगा और उन्होंने मेडिकल में पढ़ाई के लिए सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज, पुणे में दाखिला ले लिया। पढ़ाई पूरी करने के बाद वह 19 मार्च 2020 को सेना में शामिल हो गए।

हादसे से पहले ही मिली थी तैनाती
अंशुमान सिंह को आर्मी मेडिकल कोर में नियुक्त किया गया था। जुलाई 2023 में कैप्टन अंशुमान सिंह की पोस्टिंग सियाचिन में हुई थी। 19 जुलाई 20323 की सुबह करीब 3 बजे बंकर के पास आग लग गई। कैप्टन अंशुमान अपने साथियों को बचाने के लिए जलते हुए शेल्टर के अंदर पहुंच गए। वह साथियों को तो बचा पाए, लेकिन खुद गंभीर रूप से झुलस गए। उन्हें एयरलिफ्ट कर अस्पताल लाया गया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। इस घटना में कैप्टन ने अपनी शहादत दे दी। घटना से पांच महीने पहले ही कैप्टन अभिमन्यु सिंह की शादी सृष्टि सिंह से हुई थी।

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