गोरखपुर में बिजली विभाग के इंजीनियरों की मनमानी : उपभोक्ताओं की कॉल को कर रहे नजरअंदाज, प्रबंधन ने दिए जांच के आदेश

UPT | गोरखपुर की खबर

Sep 05, 2024 13:42

गोरखपुर में बिजली निगम के अभियंता उपभोक्ताओं की फोन कॉल रिसीव नहीं कर रहे हैं। उपभोक्ता लगातार फोन कर रहे हैं, लेकिन अभियंता न तो कॉल रिसीव कर रहे हैं और न ही पलटकर फोन कर समस्या का समाधान करा रहे हैं।

Gorakhpur News : गोरखपुर में बिजली विभाग के उच्च अधिकारियों द्वारा दिए गए स्पष्ट निर्देशों के बावजूद, विभाग के इंजीनियर उपभोक्ताओं की शिकायतों और समस्याओं को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। अधिकांश अभियंता न तो उपभोक्ताओं के फोन कॉल उठा रहे हैं और न ही वापस कॉल करके उनकी समस्याओं का समाधान कर रहे हैं।

चेयरमैन और एमडी ने जांच के आदेश दिए 
पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (पीवीवीएनएल) के चेयरमैन डॉ. आशीष गोयल और प्रबंध निदेशक शंभू कुमार ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया है कि उपभोक्ताओं की सेवा और संतुष्टि विभाग की प्राथमिकता है और इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

1912 पर आई शिकायतों का विश्लेषण किया 
विभाग ने टोल फ्री नंबर 1912 पर आई शिकायतों का विश्लेषण किया है। इस विश्लेषण के आधार पर, पिछले पांच दिनों में प्राप्त शिकायतों की एक विस्तृत सूची तैयार की गई है। इस सूची में उपकेंद्रों, जिलों और संबंधित अभियंताओं के मोबाइल नंबरों का विवरण शामिल है। यह पाया गया है कि देवरिया, कुशीनगर और महराजगंज जिलों से सबसे अधिक शिकायतें प्राप्त हुई हैं।

उपभोक्ताओं का हित सर्वोपरि :मुख्य रचनाकार 
मुख्य रचनाकार आशुतोष ने इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "उपभोक्ताओं का हित हमारे लिए सर्वोपरि है। यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि हमारे अभियंता उपभोक्ताओं के फोन कॉल का जवाब दें। यदि किसी कारणवश वे तत्काल कॉल नहीं उठा पा रहे हैं, तो उन्हें बाद में वापस कॉल करके समस्या का समाधान करना चाहिए। इस मामले में किसी भी प्रकार की मनमानी या लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।"

विभाग ने अभियंताओं से स्पष्टीकरण मांगा
विभाग ने उन सभी अभियंताओं से स्पष्टीकरण मांगा है जिन्होंने उपभोक्ताओं के फोन कॉल का जवाब नहीं दिया। यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों और उपभोक्ताओं की शिकायतों का त्वरित निवारण हो।

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