गोरखनाथ मंदिर में विजयादशमी पर होगा विशेष पूजन : संतों के विवाद निपटारे के लिए लगेगी अदालत, सीएम करेंगे शोभायात्रा की अगुवाई

UPT | गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ

Oct 11, 2024 20:58

गोरक्षपीठ, जो अपने धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के लिए जानी जाती है, हर साल विजयादशमी के अवसर पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन करती है...

Gorakhpur News : गोरक्षपीठ, जो अपने धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के लिए जानी जाती है, हर साल विजयादशमी के अवसर पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन करती है। इस दिन न केवल धार्मिक अनुष्ठान होते हैं बल्कि गोरक्षपीठाधीश्वर संतों के विवादों को सुलझाने की दंडाधिकारी की भूमिका भी निभाते हैं। विजयादशमी के दिन मुख्यमंत्री और गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ शनिवार को शिवावतार गुरु गोरखनाथ का विशेष पूजन करेंगे। शनिवार शाम को गोरखनाथ मंदिर से निकली पारंपरिक विजयादशमी शोभायात्रा की अगुवाई करेंगे। मंदिर से शुरू होने वाली यह यात्रा मानसरोवर रामलीला मैदान में संपन्न होगी। यहां पर प्रभु श्रीराम का पूजन राज्याभिषेक किया जाएगा।

समाजिक समरसता का प्रतीक
गोरक्षपीठ से निकलने वाली विजय शोभायात्रा सामाजिक समरसता और लोक कल्याण की भावना को प्रकट करती है। यह अनूठी शोभायात्रा विभिन्न वर्गों के लोगों को एकत्रित करती है, जिसमें अल्पसंख्यक समुदाय का भी स्वागत होता है। शोभायात्रा के दौरान लोग गोरखनाथ मंदिर के बाहर घंटों पहले फूल-माला लेकर खड़े रहते हैं, जो इस आयोजन की गरिमा को बढ़ाता है। गोरक्षपीठाधीश्वर विजयादशमी पर विशेष परिधान धारण करते हैं और नाथपंथ की परंपरा का पालन करते हुए अपनी शोभायात्रा निकालते हैं। इस वर्ष भी शोभायात्रा में तुरही, नगाड़े और बैंड-बाजे की धुन के बीच गोरक्षपीठाधीश्वर गुरु गोरक्षनाथ का आशीर्वाद लेकर आगे बढ़ेंगे।



राजतिलक का ऐतिहासिक कार्यक्रम
गोरखनाथ मंदिर पहुंचने के बाद योगी आदित्यनाथ देवाधिदेव महादेव की पूजा करेंगे। इसके बाद रामलीला मैदान में प्रभु श्रीराम का राजतिलक करेंगे और माता जानकी, लक्ष्मण, हनुमानजी का पूजन भी करेंगे। इस मौके पर गोरक्षपीठाधीश्वर का संबोधन भी होगा जो उपस्थित श्रद्धालुओं के लिए प्रेरणादायक रहेगा। इस खास दिन पर गोरक्षपीठ में पारंपरिक भोज का आयोजन किया जाएगा। इसमें विभिन्न वर्गों के लोग शामिल होंगे। यह भोज जाति-मजहब के भेदभाव से परे एकता का प्रतीक होगा।

संतों की अदालत का आयोजन
गोरक्षपीठ में विजयादशमी का एक विशेष पहलू संतों की अदालत भी होती है, इसमें गोरक्षपीठाधीश्वर संतों के विवादों का निस्तारण करते हैं। नाथपंथ की परंपरा के अनुसार इस दिन संतगण उन्हें पात्र देव के रूप में पूजते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि सुनवाई में कोई भी झूठ नहीं बोलेगा। यह प्रक्रिया संत समाज में अनुशासन का प्रतीक मानी जाती है।

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