Janmashtami 2024 : जय कन्हैया लाल की...जयकारे से गूंज उठा गोरखनाथ मंदिर, सीएम योगी आदित्यनाथ ने की पूजा-अर्चना

UPT | सीएम योगी आदित्यनाथ

Aug 27, 2024 16:18

आज देशभर में जन्माष्टमी का त्योहार बड़े उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। पूरे देश के मंदिरों में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव को लेकर नन्हें-मुन्हें बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक के चेहरे पर...

Gorakhpur News : आज देशभर में जन्माष्टमी का त्योहार बड़े उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। पूरे देश के मंदिरों में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव को लेकर नन्हें-मुन्हें बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक के चेहरे पर उत्साह देखने को मिला। गोरखनाथ मंदिर में आयोजित जन्माष्टमी के कार्यक्रम में प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ पूजा-अर्चना की। गोरखनाथ मंदिर के उत्सवधर्मी एवं पारंपरिक श्रीकृष्ण प्राकट्योत्सव कार्यक्रम में सम्मिलित होने के लिए सीएम सोमवार रात राजधानी लखनऊ से गोरखपुर पहुंचे।



श्रीकृष्ण की साधना में लीन रहे सीएम
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पवित्र पर्व पर सीएम योगी आदित्यनाथ सोमवार प्रातःकाल से मध्य रात्रि तक श्रीकृष्ण की साधना में लीन रहे। प्रातःकाल उन्होंने प्रभु श्रीकृष्ण की जन्मभूमि मथुरा में जन्मभूमि मंदिर में कान्हा की विधि विधान से आराधना कर प्रदेशवासियों के सुखमय जीवन की प्रार्थना की। शाम को वह लखनऊ पुलिस लाइन में आयोजित श्रीकृष्ण जन्माष्टमी समारोह में सम्मिलित हुए।इसके बाद रात में गोरखनाथ मंदिर पहुंचकर पारंपरिक श्रीकृष्ण जन्मोत्सव समारोह में प्रभु के प्राकट्य अनुष्ठान में लीन रहे। 
अवेद्यनाथ की समाधि पर मत्था टेक पुष्पार्चन किया
सोमवार रात गोरखनाथ मंदिर पहुंचने पर सबसे पहले मुख्यमंत्री योगी ने शिवावतार गुरु गोरखनाथ का दर्शन पूजन किया और अपने गुरुदेव ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की समाधि पर मत्था टेक पुष्पार्चन किया। मंदिर में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में महंत दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार में भजन-कीर्तन का आयोजन किया गया था। मध्य रात्रि मंदिर के गर्भगृह में उन्होंने श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर विधि विधान से विशिष्ट पूजा अर्चना की। रात 12 बजे प्रभु श्रीकृष्ण के प्राकट्य के बाद 'नंद घर आनंद भयो, जय कन्हैयालाल की' और ‘श्रीकृष्ण गोविंद हरे मुरारी, हे नाथ नारायण वासुदेव’ की मंगल धुन, सोहर गीत और घंट घड़ियाल की ध्वनि के बीच गोरक्षपीठाधीश्वर उन्हें गोद में लेकर गर्भगृह से बाहर आए। प्रभु श्रीहरि के बाल स्वरूप लड्डू गोपाल को फूलों से सजे पालने में बैठाकर श्रद्धाभाव से उन्हें झूला झुलाया। 

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