डीएनए रिपोर्ट के आधार पर आजीवन कारावास : चिलुआताल में गवाहों के मुकरने के बाद न्यायालय ने वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर लिया फैसला 

UPT | 20 दिन में डीएनए रिपोर्ट संकलित कर सजा दिलाने वाले विवेचक को एसएसपी ने प्रशस्ति पत्र देकर किया सम्मानित।

Oct 21, 2024 16:22

चिलुआताल में पॉक्सो एक्ट के मामले में गवाहों की ओर से मुकर जाने के बावजूद न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई। आरोपी के खिलाफ वैज्ञानिक साक्ष्यों और डीएनए रिपोर्ट के आधार पर फैसला लिया गया।

Gorakhpur News : चिलुआताल थाना क्षेत्र में एक पॉक्सो एक्ट के मामले में गवाहों द्वारा मुकर जाने के बावजूद, न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। यह मामला गोरखपुर का है, जहां आरोपी के खिलाफ वैज्ञानिक साक्ष्यों और डीएनए रिपोर्ट के आधार पर फैसला लिया गया। विवेचना को 11 दिन में पूरा किया गया और डीएनए रिपोर्ट भी 20 दिन में संकलित की गई।


इस मामले में, चिलुआताल थाना पर पंजीकृत मु०अ०सं० 581/23 के अंतर्गत धारा 376ए/बी भादवि और 5एम/6 पाक्सो एक्ट के नामित अभियुक्त कृष्णा उर्फ कन्हैया, पुत्र मिठाई, निवासी रहमतनगर को मात्र 24 घंटे में गिरफ्तार किया गया और न्यायालय के समक्ष पेश किया गया। विवेचना के दौरान गहनता से वैज्ञानिक साक्ष्य और डीएनए रिपोर्ट संकलित की गई, जिसके चलते 11 दिनों में विवेचना को समाप्त कर आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।

आजीवन कारावास की सजा के साथ 50,000 रुपये के अर्थ दंड से भी दंडित किया
न्यायालय ने अभियुक्त को आजीवन कारावास की सजा के साथ 50,000 रुपए के अर्थ दंड से भी दंडित किया। इस फैसले से जनता में न्याय और पुलिस के प्रति विश्वास बढ़ा है, जिससे सुरक्षा और मान-सम्मान की भावना जागृत हुई है। इस सफलता के पीछे विवेचना के दौरान की गई मेहनत और कार्यकुशलता है। एसएसपी डॉक्टर गौरव ग्रोवर ने विवेचक एसएसआई शैलेंद्र कुमार की लगन और व्यावसायिक दक्षता की सराहना करते हुए उन्हें प्रशस्ति पत्र प्रदान किया। इस मौके पर पुलिस अधीक्षक उत्तरी जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव भी उपस्थित थे। उन्होंने आशा व्यक्त की कि भविष्य में विवेचक इसी प्रकार अपने कर्तव्यों का पालन करेंगे।

इस तरह की त्वरित कार्रवाई से यह साबित होता है कि पुलिस और न्याय प्रणाली अपने कार्य में कितनी गंभीरता से लगी हुई है, और यह नागरिकों के लिए एक सकारात्मक संदेश है। 

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