चीनी लहसुन सेहत के लिए खतरनाक: इसके आयात पर क्यों उठ रहे सवाल? नेपाल और बांग्लादेश के रास्ते भारत ला रहे हैं तस्कर

UPT | चीनी लहसुन।

Oct 03, 2024 17:15

लहसुन की पैदावार इस बार कम होने के कारण तस्कर चाइनीज लहसुन को नेपाल और बांग्लादेश के रास्ते भारत ला रहे हैं। चाइनीज लहसुन के इस अवैध कारोबार को लेकर चिंता तब और बढ़ गई, जब लखनऊ के एक वकील ने इस मुद्दे को लेकर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

Gorakhpur News : लहसुन की पैदावार इस बार कम हुई है, जिसके चलते इसके दाम आसमान छू रहे हैं। इसी का फायदा उठाकर तस्कर चाइनीज लहसुन को नेपाल और बांग्लादेश के रास्ते भारत ला रहे हैं। चाइनीज लहसुन के इस अवैध कारोबार को लेकर चिंता तब और बढ़ गई, जब लखनऊ के एक वकील ने इस मुद्दे को लेकर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। उन्होंने सवाल उठाया कि जब भारत में चाइनीज लहसुन के आयात पर प्रतिबंध है, तो यह यूपी के बाजारों में कैसे बिक रहा है? इसके बाद जज ने केंद्र और यूपी सरकार से इस पर रिपोर्ट मांगी, जिससे चाइनीज लहसुन को लेकर एक नई बहस छिड़ गई है।

अगर आप अपने भोजन में लहसुन का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो सावधान हो जाएं। हो सकता है कि आप जो लहसुन बाजार से खरीद रहे हैं, वह चाइनीज लहसुन हो, जो आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। इस साल भारत में बाढ़ और अत्यधिक बारिश के कारण लहसुन की पैदावार में भारी कमी आई है। इस कारण इसकी कीमतें बहुत अधिक हो गई हैं। कीमतों में इस बढ़ोतरी के चलते तस्कर चीन से लहसुन लाकर नेपाल के रास्ते भारत के बाजारों में बेच रहे हैं। खासकर उत्तर प्रदेश के कई शहरों में यह तस्करी तेजी से हो रही है।

चाइनीज और देसी लहसुन में अंतर
महराजगंज के बाजारों में देसी लहसुन की कीमत 260 से 300 रुपये प्रति किलो तक है, जबकि चाइनीज लहसुन 100 से 150 रुपये प्रति किलो में बिक रहा है। इस कीमत के अंतर का फायदा तस्कर उठा रहे हैं। चाइनीज लहसुन को नेपाल के रास्ते भारत लाकर बाजारों में बेचा जा रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि चाइनीज लहसुन स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक हानिकारक है क्योंकि इसे प्राकृतिक तरीके से नहीं उगाया जाता, बल्कि इसे रसायनों और कीटनाशकों के माध्यम से उगाया जाता है। इससे गैस्ट्राइटिस, पेट में सूजन और यहां तक कि कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती है, इसीलिए चाइनीज लहसुन पर भारत में प्रतिबंध है।

चाइनीज लहसुन की तस्करी
सीमावर्ती जिलों के व्यापारियों का कहना है कि चाइनीज लहसुन बाजार में आसानी से उपलब्ध हो रहा है। देसी लहसुन महंगा होने के कारण तस्करी के माध्यम से लाया गया चाइनीज लहसुन बाजार में कम कीमत पर मिल रहा है, जिससे व्यापारियों को चार से पांच गुना मुनाफा हो रहा है। किराना व्यापारियों के अनुसार, चाइनीज लहसुन का दाना मोटा होता है और इसे छीलने में भी आसानी होती है, इसलिए इसकी मांग अधिक है। फुटकर सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि मंडियों में यही लहसुन उपलब्ध होता है, इसलिए वे मजबूरी में इसे बेचने पर विवश हैं।

स्वास्थ्य पर पड़ने वाला असर
महराजगंज के बाजारों में खरीदारी करने आए ग्राहकों ने बताया कि उन्हें लहसुन खरीदते समय यह जानकारी नहीं होती कि यह देसी है या चाइनीज। बाजार में सस्ते के कारण चाइनीज लहसुन अधिक बिक रहा है, और ग्राहक मजबूरी में इसे खरीद रहे हैं, हालांकि वे जानते हैं कि यह स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक है। उन्हें चिंता है कि यह लहसुन उनके स्वास्थ्य को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है, लेकिन कीमत के अंतर के कारण वे इसे खरीदने के लिए मजबूर हैं। 

कस्टम विभाग की कार्यवाही
भारत-नेपाल सीमा पर चाइनीज लहसुन की तस्करी बढ़ गई है। महराजगंज जिले में कस्टम विभाग की टीम ने पिछले तीन महीनों में 9300 किलो चाइनीज लहसुन जब्त किया है, और हाल ही में 1600 किलो लहसुन नष्ट किया गया है। यह स्पष्ट है कि चाइनीज लहसुन की तस्करी बड़े पैमाने पर हो रही है, और इससे व्यापारियों को भारी मुनाफा हो रहा है।

सरकार का रुख 
2014 में भारत सरकार ने चाइनीज लहसुन के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके पीछे मुख्य वजहें थीं- अत्यधिक रासायनिक कीटनाशकों का उपयोग, चाइनीज लहसुन की गुणवत्ता का भारतीय मानकों पर खरा न उतरना, और इसकी सस्ती कीमत से भारतीय किसानों को हो रहा नुकसान। हालांकि, नेपाल के रास्ते तस्करी के कारण यह लहसुन अब भी भारतीय बाजारों में बेचा जा रहा है।

 अब बड़ा सवाल यह है कि जब चाइनीज लहसुन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, तो यह यूपी के बाजारों में कैसे बिक रहा है और कब इस पर पूरी तरह से रोक लगेगी?

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