Maharajganj News : नेपाल से भारत में तस्करी कर लाई गई हिरन की सिंग और दुर्लभ कछुए बरामद, एक गिरफ्तार

UPT | पुलिस की गिरफ्त में आरोपी।

Aug 02, 2024 01:15

बुधवार की रात करीब 10 बजे, एसएसबी (सशस्त्र सीमा बल) ने निचलौल वन क्षेत्र अंतर्गत भारत-नेपाल सीमा पर तस्करी कर लाई जा रही हिरन की सिंग और दुर्लभ प्रजाति के छह कछुओं को बरामद किया।

Maharajganj News : बुधवार की रात करीब 10 बजे, एसएसबी (सशस्त्र सीमा बल) ने निचलौल वन क्षेत्र अंतर्गत भारत-नेपाल सीमा पर तस्करी कर लाई जा रही हिरन की सिंग और दुर्लभ प्रजाति के छह कछुओं को बरामद किया। इस कार्रवाई में एक व्यक्ति को भी गिरफ्तार किया गया, जिसे बाद में वन विभाग को सौंप दिया गया। वन क्षेत्राधिकारी निचलौल, सुनील कुमार राव ने बताया कि एसएसबी झुलनीपुर के जवानों ने तस्करी का कछुआ और हिरन की सिंग बरामद करने की सूचना दी थी। मौके पर पहुँचकर वन विभाग ने बरामद कछुओं, सिंग, पिकअप और गिरफ्तार आरोपी को कब्जे में ले लिया।

हिरन की सिंग और दुर्लभ कछुए बरामद
एसएसबी की रिपोर्ट के अनुसार, नेपाल से एक पिकअप द्वारा भारत लाए जा रहे तीन फ्लैप शेल कछुआ, दो भूरे शरीर वाले कछुआ, एक इंडियन ब्लैक टर्टल और एक सांभर हिरण का सींग सीमा स्तंभ संख्या 501/6 से भारतीय सीमा के तीन किलोमीटर अंदर अमड़ी गांव के पास खड़ी पाई गई। गस्त के दौरान एसएसबी जवानों की जांच में एक व्यक्ति के साथ यह जीव बरामद हुए। गिरफ्तार व्यक्ति और बरामद जीवों को वन विभाग को सौंप दिया गया। वन विभाग ने तत्काल कार्रवाई करते हुए आरोपी रामनगीना सिंह, निवासी ग्राम अमड़ी थाना निचलौल को चालान कर न्यायालय में पेश किया, जहां से आरोपी को जेल भेज दिया गया।



वन्यजीव संरक्षण के लिए खतरनाक तस्करी
यह घटना वन्यजीव तस्करी की एक गंभीर समस्या को उजागर करती है, जिसमें दुर्लभ जीवों की तस्करी की जा रही है। एसएसबी और वन विभाग की सतर्कता और त्वरित कार्रवाई से इस तस्करी को रोका जा सका। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस प्रकार की तस्करी न केवल वन्यजीव संरक्षण के लिए खतरनाक है, बल्कि यह पर्यावरण संतुलन को भी प्रभावित करती है। 

सुरक्षा बलों और वन विभाग ने बरतनी सतर्कता
वन्यजीवों की तस्करी रोकने के लिए सीमा पर तैनात सुरक्षा बलों और वन विभाग की टीमों को अधिक सतर्कता बरतनी होगी। इसके साथ ही आमजन को भी इस संबंध में जागरूक किया जाना चाहिए ताकि वे वन्यजीवों की तस्करी की जानकारी मिलते ही संबंधित अधिकारियों को सूचित कर सकें। एसएसबी और वन विभाग की सतर्कता से यह स्पष्ट होता है कि इन प्रयासों में कोई कमी नहीं है। 

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