महाराजगंज के किसान सिंचाई के लिए परेशान : नेपाल में बैराज का गेट बनने से नहर का पानी रुका, फसलें सूखने की कगार पर

UPT | सूखी नहरों से किसान परेशान

Dec 19, 2024 13:50

महाराजगंज जिले के किसानों को इस बार सिंचाई के लिए भारी संकट का सामना करना पड़ रहा है। दिसंबर महीने का आधा समय बीतने के बाद भी उन्हें नहरों में पानी नहीं मिल सका है। नेपाल के बाल्मीकिनगर बैराज पर निर्माण कार्यों के कारण जिले की नहरों में पानी की आपूर्ति में देरी हो रही है, जिससे किसान महंगे डीजल से पंपिंग सेट से सिंचाई करने को मजबूर हो रहे हैं।

Maharajganj News : आधा दिसंबर बीतने के बाद भी महराजगंज जिले के किसानों को अभी तक सिंचाई के लिए नहरों में पानी नहीं मिल सका है। नवंबर माह के अंत से ही आश्वासन के बाद सिंचाई विभाग ने 16 दिसंबर को अंतिम तिथि घोषित किया था, लेकिन नेपाल के बाल्मीकिनगर बैराज के गेट पर निर्माण के कार्य के चलते यह संभव नहीं हो सका। जिसके कारण किसान मंहगा डीजल फूंककर अपने गेहूं की सिंचाई कर रहे हैं। अब सिंचाई विभाग ने 20 दिसंबर तक किसानों को पानी उपलब्ध कराने का दावा किया है।

नहरों पर निर्भर सिंचाई प्रणाली
जिले में एक लाख 65 हजार हेक्टेयर में गेहूं की खेती होती है। इसमें 15 हजार हेक्टेयर से अधिक तिलहन और दलहन की फसल शामिल है। जिले में किसानों की सिंचाई के लिए 123 नहरों का 1035 किलोमीटर लंबा जाल बिछा है। यही वजह है कि जिले में 60 फीसदी से अधिक खेती सिंचाई के लिए नहरों पर निर्भर है। इसके बावजूद नहरें सूखी पड़ी हैं।

पंपिंग सेट से सिंचाई करने को मजबूर
नहर में समय से पानी न आने से किसानों की जेब हल्की हो रही है। इस दौरान गंडक नहर प्रणाली व विभिन्न नहरों के किनारे बसे गांवों रायपुर, घुघली, हरदी, खोन्हौली, पिपराकाजी, सिसवा, गौरा निपनिया, दुर्गवलिया, कटहरी, संडा, गेरमा, पिपरा बाजार, जमुई, हरखोड़ा, मिठौरा, बरोहिया, दमकी व बाली के किसान महंगा डीजल जलाकर पंपिंग सेट से सिंचाई करने को मजबूर हैं।

नेपाल से पानी न छोड़ने की वजह से परेशानी
सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता विनोद कुमार वर्मा ने इस स्थिति के लिए नेपाल से पानी न छोड़े जाने को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने बताया कि नेपाल के बाल्मीकिनगर बैराज पर गेट निर्माण के कार्यों में देरी के कारण जिले की नहरों में पानी नहीं आ पा रहा है। हालांकि, पहले 16 दिसंबर तक पानी मिलने की उम्मीद थी, लेकिन निर्माण कार्य में समय लगने के कारण अब 20 दिसंबर की तिथि तय की गई है।

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