Maharajganj News : कन्हैया बाबा स्थल पर खुदाई में मिले बौद्धकालीन रहस्य, बन सकता है नया तीर्थ स्थल!

UPT | महराजगंज के कन्हैया बाबा स्थल पर खुदाई का काम जारी।

Dec 18, 2024 13:01

महराजगंज जिले के कन्हैया बाबा स्थल पर जारी खुदाई में मिले ऐतिहासिक और बौद्धकालीन अवशेष क्षेत्र के महत्वपूर्ण ऐतिहासिक रहस्यों को उजागर कर रहे हैं। अगर यह स्थल बुद्ध के आठवें स्तूप के रूप में प्रमाणित होता है, तो महराजगंज एक नया और प्रमुख बौद्ध तीर्थ स्थल बन सकता है, जो देश-विदेश से तीर्थयात्रियों को आकर्षित करेगा।

Maharajganj News :  महराजगंज जिले के ऐतिहासिक कन्हैया बाबा स्थल पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा की जा रही खुदाई के दौरान लगातार महत्वपूर्ण अवशेष मिल रहे हैं। खुदाई के 26वें दिन टीम ने निर्धारित टेंच के भीतर 235 सेंटीमीटर से अधिक गहराई तक खुदाई की। इस दौरान पुरातत्व टीम ने अलंकृत ईंटों, दीवारों और मिट्टी के बर्तनों के अवशेष पाए हैं, जो इस स्थल के ऐतिहासिक महत्व को और अधिक उजागर करते हैं।

खुदाई में मिलीं अलंकृत ईंटें और बर्तनों के अवशेष
कन्हैया बाबा स्थल पर हो रही खुदाई बारीकी से की जा रही है, जिसमें छोटे औजारों का उपयोग कर मिट्टी और ईंट के टुकड़ों को सावधानीपूर्वक हटाया जा रहा है। एक खाने का उत्खनन करीब 13 फीट तक किया गया है, जिसमें पूरब दिशा में मोटी दीवार और मिट्टी के बर्तन जैसे घड़े भी देखे गए हैं। इस खुदाई कार्य में पुरातत्व विभाग की टीम अपने निर्धारित मानकों के अनुसार कार्य कर रही है और वे इस प्रक्रिया को धीरे-धीरे आगे बढ़ा रहे हैं।

महत्त्वपूर्ण कदम: बुद्ध का आठवां स्तूप
सोहगीबरवा वन्यजीव प्रभाग के दक्षिणी चौक रेंज के नाथनगर बीट में कन्हैया बाबा स्थल पर किए जा रहे उत्खनन को एक महत्वपूर्ण पहलू माना जा रहा है। यह स्थल भगवान बुद्ध के आठवीं अस्थि अवशेष पर बने स्तूप से जुड़ा हुआ है। अलंकृत दीवारों और मिट्टी के बर्तनों के अवशेष मिलना इस स्थल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को और सुदृढ़ करता है।

महराजगंज को मिलेगा वैश्विक महत्व
यदि खुदाई के दौरान प्राप्त अवशेषों से यह साबित होता है कि यह स्थल बुद्ध का आठवां स्तूप है, तो महराजगंज भी बौद्ध तीर्थस्थलों के नक्शे पर प्रमुख स्थान पा सकता है। कपिलवस्तु, लुम्बिनी, सारनाथ, कुशीनगर और बोधगया की तरह महराजगंज भी बौद्ध तीर्थयात्रियों के आकर्षण का केंद्र बन सकता है, जिससे यह नगर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध हो जाएगा।

विशेषज्ञों का कहना
अधीक्षण पुरातत्वविद डॉ. आफताब हुसैन ने बताया कि इस उत्खनन कार्य को विशेष औजारों का उपयोग करते हुए किया जा रहा है। अब तक 235 सेंटीमीटर गहरी खुदाई की जा चुकी है और प्राप्त वस्तुओं को पूरी सावधानी से संरक्षित किया जा रहा है। टीम को उम्मीद है कि यह खुदाई इस स्थल के ऐतिहासिक महत्व को और स्पष्ट करेगी।

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