मधवलिया वन कार्यालय में रिश्वत का आरोप : विभाग ने किया खंडन, वन क्षेत्राधिकारी बोले-किया जा रहा बदनाम

UPT | मधवलिया वन कार्यालय में रिश्वत का आरोप

Jul 31, 2024 13:14

महराजगंज के सोहागीबरवा वन्य जीव प्रभाग के मधवलिया रेंज कार्यालय के एक लिपिक द्वारा पैसे लेने का वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें दावा किया जा रहा है कि वनकर्मी द्वारा रिश्वत ली जा रही है। इस मामले में वन क्षेत्राधिकारी मधवलिया अजीत कुमार ने कहा कि विभाग को बदनाम...

Maharajganj News : महराजगंज के सोहागीबरवा वन्य जीव प्रभाग के मधवलिया रेंज कार्यालय में एक विवादास्पद घटना सामने आई है। हाल ही में, सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हुआ, जिसमें कथित तौर पर एक वन कार्यालय के बाबू को पैसे लेते हुए दिखाया गया है। यह वीडियो मधवलिया जंगल से पकड़े गए भुटकी और बाइक को छोड़ने के मामले से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है।

वीडियो की प्रामाणिकता पर उठाए सवाल
वन विभाग के अधिकारियों ने इस वीडियो की प्रामाणिकता पर सवाल उठाए हैं और इसे विभाग की छवि को धूमिल करने का प्रयास बताया है। मधवलिया के वन क्षेत्राधिकारी अजीत कुमार ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करके वीडियो को झूठा और भ्रामक करार दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह वीडियो वास्तविक घटनाक्रम को गलत तरीके से प्रस्तुत कर रहा है।

वन रक्षकों ने तीन व्यक्तियों को पकड़ा था 
घटना की पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालते हुए, वन क्षेत्राधिकारी ने बताया कि 9 जून को मधवलिया रेंज के जंगल में वन रक्षकों ने तीन व्यक्तियों को दो मोटरसाइकिलों के साथ पकड़ा था। इन मोटरसाइकिलों पर अवैध रूप से भुटकी लादी गई थी। पकड़े गए व्यक्तियों की पहचान मुकेश कसौधन, भोला रौनियार और दुर्गेश रौनियार के रूप में हुई, जो सभी देवघट्टी गांव के निवासी हैं।

क्या कहते हैं वन विभाग के नियम
वन विभाग के नियमों के अनुसार, इन व्यक्तियों पर आठ हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया। जुर्माना अदा करने के बाद ही उन्हें उच्चाधिकारियों के निर्देश पर निजी मुचलके पर रिहा किया गया। हालांकि, दो मोटरसाइकिलें जुर्माना न चुकाने के कारण जब्त कर ली गईं।

वन क्षेत्राधिकारी ने आगे बताया कि 29 जुलाई को कुछ व्यक्ति रेंज कार्यालय में आए और बिना जुर्माना चुकाए मोटरसाइकिलें छोड़ने का दबाव बनाने लगे। जब अधिकारियों ने इनकार कर दिया, तो इन व्यक्तियों ने कथित तौर पर वीडियो वायरल करके विभाग को बदनाम करने और अनैतिक दबाव बनाने का प्रयास किया।

वीडियो में दिखाए गए पैसे वैध जुर्माने की राशि है 
अधिकारियों का कहना है कि वायरल हो रहा वीडियो लगभग एक महीने पुराना है और इसमें दिखाए गए पैसे वास्तव में वैध जुर्माने की राशि है, न कि कोई रिश्वत। वन विभाग ने इस मामले की गहन जांच शुरू कर दी है और आश्वासन दिया है कि गलत वीडियो वायरल करने वालों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।

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