Gorakhpur News : छठ महापर्व पर सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद, श्रद्धालुओं ने डूबते सूर्य को अ‌र्घ्य दिया

UPT | श्रद्धालुओं ने डूबते सूर्य को अ‌र्घ्य दिया

Nov 07, 2024 21:24

जिले भर में समृद्धि, पुत्र प्राप्ति और मंगलकामना के महापर्व छठ का आयोजन धूमधाम से किया गया। बृहस्पतिवार की शाम को व्रति महिलाओं ने डूबते सूर्य को अ‌र्घ्य अर्पित कर इस पर्व की शुरुआत की।

Gorakhpur News : जिले भर में समृद्धि, पुत्र प्राप्ति और मंगलकामना के महापर्व छठ का आयोजन धूमधाम से किया गया। बृहस्पतिवार की शाम को व्रति महिलाओं ने डूबते सूर्य को अ‌र्घ्य अर्पित कर इस पर्व की शुरुआत की। शुक्रवार को उगते सूर्य को अ‌र्घ्य देकर इस महापर्व का समापन होगा। इस दौरान प्रशासन द्वारा घाटों पर सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद किया गया, ताकि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।  

कई विभागों के अधिकारी मौके पर मौजूद रहे
जिले में सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने के लिए वरिष्ठ प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी घाटों का भ्रमण करते रहे। इस दौरान एडीजी जोन, डीआईजी रेंज, मंडलायुक्त, डीएम, एसएसपी, एसपी सिटी, एसपी नार्थ, एसपी दक्षिणी, एडीएम प्रशासन, एडीएम सिटी, एडीएम वित्त, सिटी मजिस्ट्रेट, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट, एसडीएम, सीओ सहित अन्य विभागों के अधिकारी मौके पर मौजूद रहे। घाटों पर एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, गोताखोर, जल पुलिस और सिविल पुलिस के जवान चप्पे-चप्पे पर तैनात थे।  

डूबते सूर्य और छठ माता की पूजा अर्चना की
सुरक्षा व्यवस्था के बीच श्रद्धालुओं का सैलाब घाटों की ओर बढ़ने लगा। राप्ती नदी के रामघाट, गोरखनाथ मंदिर, मानसरोवर, सूरजकुंड धाम, रामगढ़ ताल, महेशरा, मानीराम, रोहिन, मीरपुर, पिपराइच सहित जिले के प्रत्येक गांव के तालाबों और नदियों पर बड़ी संख्या में व्रति अपने परिवार के साथ पहुंचे। इस दौरान व्रतियों ने पूरी श्रद्धा से डूबते सूर्य और छठ माता की पूजा अर्चना की।  



श्रद्धालुओं ने पूरे विधि-विधान का किया पालन
सूर्य देव की उपासना का यह पर्व शुद्धता, स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने वाला है। छठ पूजा में व्रति सूर्य और षष्ठी माता दोनों की उपासना करते हैं। इस पर्व में विशेष रूप से ठेकुआ, लड्डू, फल आदि प्रसाद के रूप में बनाए जाते हैं। साथ ही बांस के बने सूप, दौरा, टोकरी में प्रसाद रखा जाता है। घरों से लेकर घाटों तक भक्ति का माहौल था। घरों में कई दिनों से इस महापर्व की तैयारियां चल रही थीं। घाटों पर भक्ति गीतों की गूंज रही थी और श्रद्धालुओं ने पूरे विधि-विधान से इस पवित्र पर्व का पालन किया। स्थानीय जनप्रतिनिधि और अन्य लोग भी व्रतियों को शुभकामनाएं देने के लिए घाटों पर पहुंचे।

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