शारदीय नवरात्र पर गोरक्षपीठ में विशेष अनुष्ठान : गोरक्षपीठाधीश्वर और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सानिध्य में हुआ प्रारंभ

UPT | गोरक्षपीठ में विशेष अनुष्ठान में शामिल गोरक्षपीठाधीश्वर व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ।

Oct 03, 2024 20:44

शारदीय नवरात्र के पहले दिन गोरक्षपीठ में मां आदिशक्ति की उपासना का विशेष अनुष्ठान गोरक्षपीठाधीश्वर और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सानिध्य में प्रारंभ हुआ। इस अनुष्ठान में पीठ की परंपरा के अनुसार वैदिक विधिविधान से मां शैलपुत्री की पूजा की गई।

Gorakhpur News : शारदीय नवरात्र के पहले दिन गुरुवार को गोरक्षपीठ में मां आदिशक्ति की उपासना का विशेष अनुष्ठान गोरक्षपीठाधीश्वर और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सानिध्य में प्रारंभ हुआ। इस अनुष्ठान में पीठ की परंपरा के अनुसार वैदिक विधिविधान से मां शैलपुत्री की पूजा की गई। सायंकाल को गोरक्षपीठाधीश्वर ने मठ के प्रथम तल पर स्थित शक्तिपीठ में कलश स्थापना की और देवी के प्रति श्रद्धा प्रकट की। अनुष्ठान की शुरुआत मां जगतजननी की आराधना, देवी पाठ, आरती और क्षमा प्रार्थना के साथ की गई।

गोरखनाथ मंदिर परिसर में एक भव्य कलश शोभायात्रा निकाली गई 
कलश स्थापना से पहले गोरखनाथ मंदिर परिसर में एक भव्य कलश शोभायात्रा निकाली गई, जिसमें भक्तों ने श्रद्धाभाव से हिस्सा लिया। इस शोभायात्रा में परंपरागत वाद्य यंत्रों जैसे घंट-घड़ियाल, शंख और तुरही की ध्वनियों के साथ साधु-संतों ने भाग लिया। शोभायात्रा गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ की अगुवाई में मंदिर परिसर से प्रारंभ हुई और भीम सरोवर तक पहुंची। वहां पर कलश भरने और सरोवर की परिक्रमा के बाद शोभायात्रा शक्तिपीठ वापस आई।

योगी आदित्यनाथ ने जल से भरे कलश को शक्तिपीठ के गर्भगृह में स्थापित किया
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं जल से भरे कलश को उठाकर शक्तिपीठ के गर्भगृह में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच इसे स्थापित किया। उन्होंने मां दुर्गा, भगवान शिव और गुरु गोरखनाथ के त्रिशूल की पूजा कर गौरी-गणेश की आराधना की। इसके साथ ही दुर्गा मंदिर के गर्भगृह में श्रीमददेवीभागवत का पाठ और श्रीदुर्गासप्तशती का पाठ भी आरंभ किया गया।

पूजन के उपरांत आरती और प्रसाद वितरण किया गया। इस धार्मिक अनुष्ठान में भक्तों ने बड़ी संख्या में भाग लिया और पूरे मंदिर परिसर में श्रद्धा और भक्ति का वातावरण बना रहा। नवरात्र के इस विशेष अवसर पर मंदिर में भक्ति और भव्यता का संगम देखने को मिला। 

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