पुरानी लीक छोड़, नई राह पर दौड़ेगी ट्रेन : ग्वालियर-श्योपुरकलां नैरो गेज की जगह लेगी ब्रॉड गेज 

UPT | narrow gauge rail

Jul 27, 2024 13:47

1887 में ब्रिटिश शासन के दौरान सिंधिया रियासत के लिए बनाई गई 200 किमी लंबी यह रेल लाइन दुनिया की सबसे लंबी नैरो गेज लाइनों में से एक थी। पुरानी ट्रेन की गति मात्र 15 किमी/घंटा थी, जिससे 200 किमी की दूरी तय करने में 10 घंटे लगते थे...

Jhansi News : ग्वालियर और श्योपुरकलां के बीच चलने वाली 137 साल पुरानी नैरो गेज ट्रेन अब इतिहास बन गई है। भारतीय रेलवे ने इस मार्ग पर ब्रॉड गेज लाइन बिछाने का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट शुरू किया है, जिसे 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य है।

बड़ी लाइन डालने के काम को मंजूरी 
1887 में ब्रिटिश शासन के दौरान सिंधिया रियासत के लिए बनाई गई 200 किमी लंबी यह रेल लाइन दुनिया की सबसे लंबी नैरो गेज लाइनों में से एक थी। पुरानी ट्रेन की गति मात्र 15 किमी/घंटा थी, जिससे 200 किमी की दूरी तय करने में 10 घंटे लगते थे। 3,597 करोड़ रुपये की लागत से नई ब्रॉड गेज लाइन बिछाई जा रही है। कैलारस स्टेशन तक ट्रैक बिछाने का काम पूरा हो चुका है और जौरा तक मेमू ट्रेन का संचालन शुरू हो गया है। यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए मंडल रेल प्रशासन ने यहां ब्रॉड गेज लाइन बिछाने का प्रस्ताव 2020 में रेलवे बोर्ड को भेजा था। 

500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बजट
बता दें कैलारस स्टेशन तक ट्रैक बिछाने का काम पूरा हो चुका है और जौरा तक मेमू ट्रेन का संचालन शुरू हो गया है। इस रेलमार्ग को कोटा तक विस्तारित करने की योजना है, जिसके लिए 500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बजट दिया गया है। यह परियोजना न केवल यात्रा के समय को कम करेगी, बल्कि क्षेत्र के आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। 

इन गांवों को जोड़ती थी नैरो गेज ट्रेन
बता दें छेटी रेल लाइन पर चलने वाली नैरो गेज ट्रेन बिरलानगर, रायरू, बामौर गांव, अंबिकेश्वर, सुमावली, जौरालापुर, भुट्टपुरा, कोलारस, सेमई, पीपलवाड़ी चौकी, सबलगढ़, रामपहाड़ी, विजयपुर रोड, कैमाराकलां, वीरपुर, सिल्लीपुर, इकडौरी, टर्राकलां, सिरोनी रोड, खोजीपुरा, दुर्गापुरी, गिरधरपुर और श्योपुरकलां को जोड़ती थी।

ऐतिहासिक ट्रेन की डॉक्यूमेंट्री
झांसी रेल मंडल के इतिहास में शामिल नैरो गेज ट्रेन अब इतिहास की बात हो गई है। लेकिन, रेलवे ने अपने इतिहास को संजोने के लिए नैरो गेज ट्रेन पर आधारित एक डॉक्यूमेंट्री तैयार की है, जिसमें 15 मिनट में पूरी रेलयात्रा को समेटा गया है।

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