Jhansi News : केन-बेतवा लिंक परियोजना, बुंदेलखंड की प्यास बुझाने का सपना अधूरा

सोशल मीडिया | केन-बेतवा लिंक परियोजना: देरी से चल रही, लेकिन उम्मीदें बरकरार

Sep 11, 2024 09:02

केन-बेतवा लिंक परियोजना से बुंदेलखंड के किसानों को मिलेगा बड़ा फायदा। जानिए कैसे इस परियोजना से सिंचाई और पेयजल की समस्या का समाधान होगा।

Jhansi News : बुंदेलखंड के सूखाग्रस्त इलाकों को सिंचाई और पेयजल उपलब्ध कराने के लिए शुरू की गई महत्वाकांक्षी केन-बेतवा लिंक परियोजना (केबीएलपी) में देरी हो रही है। यह परियोजना क्षेत्र के किसानों और लोगों के लिए जीवनदायिनी साबित हो सकती है, लेकिन विभिन्न कारणों से इसका काम धीमी गति से चल रहा है।

क्या है केन-बेतवा लिंक परियोजना? 
केन-बेतवा लिंक परियोजना दो नदियों, केन और बेतवा को आपस में जोड़कर बुंदेलखंड क्षेत्र में पानी की कमी को दूर करने का प्रयास है। इस परियोजना से झांसी, ललितपुर, महोबा और बांदा जिलों के लगभग 2.51 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को सिंचाई के लिए पानी मिलेगा। इसके अलावा, क्षेत्र के लोगों को पेयजल की समस्या से भी निजात मिलेगी।

क्यों हो रही है देरी?
जमीन अधिग्रहण में समस्या: परियोजना के लिए आवश्यक जमीन अधिग्रहण में आ रही दिक्कतों के कारण काम में देरी हो रही है।
पन्ना टाइगर रिजर्व का मुद्दा: दौधन बांध का निर्माण पन्ना टाइगर रिजर्व के पास होने के कारण पर्यावरणीय चिंताएं भी इस परियोजना को प्रभावित कर रही हैं।
कोरोना महामारी: कोरोना महामारी के कारण भी परियोजना का काम बाधित हुआ।

परियोजना के फायदे
सिंचाई: इस परियोजना से लाखों हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी जिससे कृषि उत्पादन बढ़ेगा और किसानों की आय में वृद्धि होगी।
पेयजल: क्षेत्र के लोगों को पर्याप्त मात्रा में पेयजल उपलब्ध होगा।
रोजगार: परियोजना के निर्माण के दौरान बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।
आर्थिक विकास: सिंचाई और पेयजल की उपलब्धता से क्षेत्र का आर्थिक विकास होगा।
 

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