झांसी मेडिकल कॉलेज अग्निकांड का एक और खुलासा : नर्सिंग स्टाफ की लापरवाही आई सामने, शाम 5 बजे हुआ था शॉर्ट सर्किट

UPT | नर्सिंग स्टाफ की लापरवाही आई सामने

Nov 17, 2024 10:11

झांसी मेडिकल कॉलेज में नवजात शिशुओं की मौत के मामले में नया खुलासा हुआ है। एसएनसीयू में दो बार शॉर्ट सर्किट होने के बावजूद नर्सिंग स्टाफ की लापरवाही के कारण 10 नवजातों की जान चली गई।

Jhansi News : शुक्रवार रात झांसी के एसएनसीयू (नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई) में लगी भीषण आग के कारण 10 नवजात शिशुओं की मौत हो गई। घटना का बड़ा खुलासा हुआ है कि शाम 5 बजे ही एसएनसीयू में शॉर्ट सर्किट हुआ था। तीमारदारों के मुताबिक, उन्होंने इस समस्या की जानकारी ड्यूटी पर तैनात नर्सिंग स्टाफ और सुरक्षा कर्मियों को दी थी, लेकिन किसी ने भी इसे गंभीरता से नहीं लिया।

रात करीब 10 बजे दोबारा शॉर्ट सर्किट हुआ, जिससे ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में आग लग गई। घटना के समय 55 बच्चे एसएनसीयू में भर्ती थे। इनमें से 10 बच्चों की मौत हो गई, जबकि कई अन्य झुलस गए।

प्रत्यक्षदर्शियों की गवाही
ललितपुर के कृपाल सिंह ने बताया कि उनका नाती एसएनसीयू में भर्ती था। शाम को हुई घटना की सूचना स्टाफ को दी गई, लेकिन कोई एक्शन नहीं लिया गया। एक अन्य तीमारदार याकूब ने कहा, "अगर शाम को हुई शॉर्ट सर्किट की घटना पर ध्यान दिया जाता, तो यह हादसा टल सकता था।"

डिप्टी सीएम के आदेश
घटना के बाद उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने मेडिकल कॉलेज का दौरा किया और त्रिस्तरीय जांच के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग, पुलिस और फायर ब्रिगेड की तीन अलग-अलग टीमें जांच करेंगी। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) का नोटिस
एनएचआरसी ने घटना को मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन मानते हुए यूपी सरकार से जवाब मांगा है। आयोग ने सात दिनों में घटना की पूरी रिपोर्ट और लापरवाही के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई की जानकारी देने को कहा है।

मृतकों के परिजनों को मुआवजा
सरकार ने मृतक नवजातों के परिवारों को 7 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये मुआवजे का ऐलान किया है।

आग लगने की वजह और सुरक्षा प्रबंध
मंडलायुक्त बिमल कुमार दुबे ने घटना की जांच शुरू कर दी है। उन्होंने स्टाफ से पूछा कि आग लगने के समय वे कहां थे और आग बुझाने के लिए क्या प्रयास किए गए।

हेल्पलाइन नंबर जारी
घटना के बाद प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर 6389831357 जारी किया है, जिससे परिजन नवजातों के बारे में जानकारी ले सकते हैं।
 

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