IIT कानपुर ने तैयार की देश की पहली ई-नोज डिवाइस : 10 सेकेंड में ही पकड़ सकेंगे तेल-घी और मसालों में मिलावटखोरी

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Oct 27, 2024 16:26

आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों ने एक नई तकनीक पेश की है, जिससे महज 10 सेकेंड में घी, तेल, मसाले आदि में मिलावटखोरी की पहचान की जा सकेगी। इस डिवाइस को "ई-नोज" नाम दिया गया है।

Short Highlights
  • बेस्ट स्टार्टअप कैटेगरी लिस्ट में शामिल डिवाइस
  • ई-नोज डिवाइस देगा खाद्य पदार्थों में मिलावट की मात्रा की सटीक जानकारी
Kanpur News : आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों ने एक नई तकनीक पेश की है, जिससे महज 10 सेकेंड में घी, तेल, मसाले आदि में मिलावटखोरी की पहचान की जा सकेगी। इस डिवाइस को "ई-नोज" नाम दिया गया है और इसे आईआईटी कानपुर की इनक्यूबेटेड कंपनी ई-स्निफ प्राइवेट लिमिटेड द्वारा विकसित किया गया है। प्रदीप द्विवेदी, जो कंपनी के फाउंडर मेंबर हैं और आईआईटी कानपुर के पूर्व छात्र ने बताया कि इस डिवाइस को आईआईटी मद्रास, आईआईटी बीएचयू और इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्रालय से प्रमाणिकता मिली है।

बेस्ट स्टार्टअप कैटेगरी लिस्ट में शामिल
इस स्टार्टअप को हाल ही में इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्रालय द्वारा आयोजित चुनौती 8.0 कार्यक्रम में बेस्ट स्टार्टअप कैटेगरी में चुना गया, जिसके तहत उन्हें 25 लाख रुपये का फंड भी प्राप्त हुआ है। डॉ. हिमांशु सक्सेना, जो आईआईटी खड़गपुर के पूर्व छात्र हैं, ने भी प्रदीप को इस प्रोजेक्ट में पूरा सहयोग दिया है। दीपावली जैसे त्योहारों पर जब यह डिवाइस बाजार में आएगी, तब आम लोग मिलावट-मुक्त खाद्य पदार्थों का उपयोग करने में सक्षम होंगे।


अगले साल तक बाजार में होगा उपलब्ध
ई-स्निफ प्राइवेट लिमिटेड के फाउंडर मेंबर प्रदीप द्विवेदी ने जानकारी दी है कि उनकी नई ई-नोज डिवाइस अगले साल बाजार में उपलब्ध होगी, जिसकी कीमत लगभग 5,000 रुपये होगी। यह सेंसर-आधारित डिवाइस महज 10 सेकेंड में घी, तेल, सब्जी मसाले और अन्य खाद्य पदार्थों में मिलावट की मात्रा की सटीक जानकारी प्रदान करेगी। आईआईटी कानपुर में हुई लैब टेस्टिंग में इस डिवाइस ने एक्यूरेट रिपोर्ट दी है, जिससे इसकी विश्वसनीयता सिद्ध होती है।

कई कंपनियों ने दिए डिवाइस के लिए ऑर्डर
प्रदीप ने बताया कि दिल्ली सरकार, डाबर समूह, डीएस समूह और अन्य नामी कंपनियों ने इस डिवाइस के लिए ऑर्डर भी दिए हैं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि जहां दुनियाभर में ऐसी डिवाइस की कीमत लाखों रुपये है, वहीं भारतीय बाजार में यह डिवाइस एक पॉकेट-फ्रेंडली विकल्प के रूप में उपलब्ध होगी, जिससे आम जनता आसानी से इसका उपयोग कर सकेगी।

ये है इस डिवाइस की खासियत
प्रदीप द्विवेदी ने बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग तकनीक से बनाई गई ई-नोज डिवाइस के जरिए हम केमिकल जानकारी को डिजिटल जानकारी में बदल सकेंगे। उन्होंने आगे कहा कि उनकी कंपनी जल्द ही मिल्क टेस्ट किट और ब्लड कैंसर टेस्ट किट भी विकसित कर रही है, जिसके लिए वे आईआईटी कानपुर और अन्य आईआईटी के विशेषज्ञों से मदद ले रहे हैं। ये स्वदेशी टेस्ट किट्स बहुत जल्द भारतीय बाजार में उपलब्ध होंगी, जिससे लोगों को स्वास्थ्य जांच में सुविधा होगी।

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